OMG! नर्मदा जी के प्रचंड प्रवाह के बीच दुर्गा प्रतिमा अपने आप स्थापित हो गई, चार दिनों तक दर्शन दिए - MP NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर
। सोशल मीडिया पर आज जबलपुर की 38 साल पुरानी चमत्कारी घटना को याद किया जा रहा है। विज्ञान हमेशा ऐसी घटनाओं को इत्तेफाक कहता है, परंतु आस्थावादी भक्तगण इसे चमत्कार का नाम देते हैं। बात 28 अक्टूबर 1982 की है। नर्मदा मैया की जलधारा में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था कि तभी अचानक एक प्रतिमा प्रचंड प्रवाह के बीच लहरों के ऊपर अपने आप स्थापित हो गई। यह प्रतिमा लगातार बिना किसी सहारे के 4 दिन तक नर्मदा मैया की जलधारा पर स्थापित रही। उस समय इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आए। जैसे जबलपुर में विजयदशमी के बाद एक और नवरात्रि शुरू हो गई हो। 

पत्रकार श्री देवशंकर अवस्थी की एक रिपोर्ट के अनुसार 28 अक्टूबर, 1982 को पूर्वान्ह 11.30 बजे, तिथि एकादशी। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित नर्मदा तट भेड़ाघाट पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन चल रहा था। इस बीच, दुर्गोत्सव समिति, पाटन की चमत्कारी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए पहुंची। पूजन-आरती के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया। किंतु यहां उपस्थित सैकड़ों लोगों ने तब जो देखा, उनकी आंखें फटी रह गईं। विसर्जन के बाद दुर्गा प्रतिमा पानी में नीचे तो गई, किंतु पांच मिनट बाद ही ऊपर आ गई। फिर बहते हुए बीच धार में जा पहुंची और सीधी खड़ी हो गई। 

नर्मदा के प्रचंड प्रवाह के बावजूद प्रतिमा बीच धार में ऐसे थमी, जैसे किसी ने मंच बनाकर स्थापित कर दिया हो। यहां पानी का प्रवाह इतना तेज था कि हाथी भी पल भर को खड़ा न रह सके। किसी नाव या गोताखोर का तो उस स्थान तक पहुंचना भी कठिन था। शाम होते तक यह खबर आग की तरह जबलपुर व आसपास के क्षेत्रों में फैल गई। दूसरे दिन तो हजारों लोगों का मेला लग गया। प्रतिमा चार दिन यानी पूर्णिंमा तक वैसे ही खड़ी रही। तब तक लाखों लोग इस दृश्य को देख चुके थे।

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