भोपाल। शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों ने शिक्षक भर्ती को लेकर लगाई गई सरकार की रुकावट पर तीखी नाराजगी जाहिर की। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार बेवजह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लटकाने का काम कर रही है।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी को देखते हुए 08 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सरकार ने मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 का आयोजन किया और एक लंबे अंतराल के बाद सितंबर 2019 में परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। 01 जुलाई 2020 से प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन प्रारंभ किया गया जो 3 जुलाई 2020 तक जारी था जिसके तहत जिला स्तर पर बनाए गए सत्यापन केंद्रों पर कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था इस दौरान किसी भी अभ्यर्थी को सत्यापन केंद्रों में पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन 4 जुलाई 2020 को सरकार ने बिना किसी ठोस कारण के प्रभाव से सत्यापन की कार्रवाई को रोक दिया।
जिससे पात्र उम्मीदवार मानसिक संताप और कुंठा में चला गया है। इस भर्ती को 2 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है जो शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय हैं चयनित शिक्षक मंत्री, विधायकों और जिला कलेक्टरों आदि सभी के यहां बार-बार गुहार लगाकर ज्ञापन दे चुके हैं। सभी जगह से निराश और हताश नव चयनित शिक्षकों ने सभी जिलों में राज्यपाल के नाम इच्छा मृत्यु के ज्ञापन सौंपे। उन्होंने कहा कि हमें शीघ्र नियुक्ति दी जाए या इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।