MP में 11 पेड़ काटने पर 5 करोड़ 72 लाख का फाइन लगा - RAISEN NEWS

भोपाल।
आक्सीजन के लिए देश में मची मारामारी ने लगता है इंसान को अब पेड़ों का महत्व अच्छी तरह समझा दिया है। यह बात इस मामले से समझी जा सकती है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप स्थित रायसेन जिले में वन विभाग ने सागौन के 11 पेड़ काटने वाले आरोपितों पर 5 करोड़ 72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
 
जुर्माने की इस बड़ी रकम का आधार महानिदेशक भारतीय काउंसिल वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद देहरादून (ICFRE) की उस रिपोर्ट को बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक पेड़ की औसत उम्र 50 वर्ष मानते हुए एक पेड़ का मूल्यांकन 52 लाख 400 रुपये किया गया है। इस आधार पर 11 पेड़ काटने का कुल जुर्माना 5 करोड़ 72 लाख 4,400 रुपये लगाया गया है। 

रायसेन जिले के बम्होरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम करतौली निवासी आरोपित चेतराम यादव व अन्य दो लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 14 जून 2020 को वन परिक्षेत्र में घुसकर सागौन के 11 पेड़ काटे थे। वन अमले ने मौके पर जाकर पेड़ काटने के साक्ष्य जुटाते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार पलेचा ने ICFRE के मूल्यांकन के आधार पर इन पेड़ों की कीमत 5 करोड़ 72 लाख 4,400 रुपये आंकी। आरोपितों को पेड़ों का महत्व बताने के लिए उन पर यह भारी जुर्माना ठोका गया है। वन परिक्षेत्र बम्होरी में बीते छह माह में पेड़ कटाई के ऐसे 25 मामले आए हैं। इन सभी मामलों में इसी फार्मूले के आधार पर जुर्माना लगाया गया है। ऐसे मामलों में प्रकरण न्यायालय प्रथम श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है। न्यायालय का फैसला मान्य होता है।

1 पेड़ की कीमत कैसे तय होती है पढ़िए 

 
आइसीएफआरई ने एक पेड़ की औसत उम्र 50 वर्ष मानते हुए तय किया है कि एक पेड़ का मूल्य 52 लाख 400 रुपये होना चाहिए, क्योंकि.एक पेड़ अपने पूरे जीवनकाल में 11 लाख 97 हजार 500 रुपये मूल्य की आक्सीजन देता है। 23 लाख 68 हजार 400 रुपये मूल्य का वायु प्रदूषण नियंत्रित करता है। 11 लाख 97 हजार 500 रुपये मूल्य के बराबर भू-क्षरण रोकने व उर्वरा शक्ति बढ़ाने का योगदान देता है। 4 लाख 37 हजार रुपये मूल्य के बराबर बारिश के पानी का संचयन, मिट्टी का कटाव रोकने तथा जल रिसाइकिल करने जैसे लाभ देता है।

बीते दिनों रायसेन जिले के ग्राम बैलगांव निवासी छोटेलाल आदिवासी पर दो पेड़ काटने के दंड स्वरूप वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार पलेचा ने एक करोड़ 21 लाख रुपये मूल्यांकन करते हुए जुर्माना लगाया था। यह प्रकरण प्रथम श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बरेली के समक्ष पेश किया गया था। वहां से आरोपित को जमानत मिल गई थी।

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