NEGATIVITY, मन का डर और डिप्रेशन को खत्म करने के 5 विकल्प - MOTIVATIONAL ARTICLE

शक्ति रावत।
शोध कहते हैं, कि हर इंसान को प्रतिदिन हजारों विचार मन में आते हैं, इनमें से ज्यादातर निगेटिव या बुरे विचार होते हैं, या फिर फालतू होते हैं। अगर घर का कोई सदस्य आने में लेट हो जाए तो सबसे पहले आपके मन किसी घटना-दुर्घटना का विचार ही क्यों आता है। 

आईये जानते हैं, क्या है पांच का पंच

आप ऐसा क्यों नहीं सोच पाते कि, हो सकता है, कि सामने वाला किसी अच्छे काम की वजह से लेट हो रहा हो। ऐसा इसलिये, क्योंकि निगेटिव विचारों का आना इंसानी स्वभाव है, मन हमेशा नकारात्कता की तरफ बहता है, उसे पॉजीटिव बनाने के लिए कुछ कोशिश करनी पड़ती है, ऐसे ही 5 तरीकों को मैं 5 का पंच कहता हूं। महामारी के इस दौर में जब नेगेटिविटी हर तरफ हावी हो गई है, बुरे विचारों से दूरी बनाना और उन्हें मन से बाहर निकालना और भी जरूरी हो गया है। तो आईये जानते हैं, क्या है पांच का पंच। 

सबसे पहले अच्छे कामों में अपनी व्यस्तता को बढ़ाएं। कहावत है खाली दिमाग शैतान का घर। तो इस घर को खाली ना छोड़ेें शैतान के लिए, बल्कि अच्छी किताबों और दूसरे माध्यमों से अच्छी विचारों के साथ रहें, दिनचर्या इस तरह की बनाएं कि, फालतू के विचार आएं ही नहीं, जैसे ही आंए खुद को किसी ना किसी काम में व्यस्त कर लें। 

दूसरा दिमाग को हर रोज व्यायाम करवाएं, जैसे शरीर फिट रहना जरूरी है, वैसे ही दिमाग भी। इसके लिए क्रास वर्ड, पहेलियां या चेस और लूडो जैसे दिमाग वाले खेल खेलें। ऐसे काम तलाश करें जिन्हें करने के लिए दिमाग पर जोर देना पड़े। गणित का सामान्य हिसाब-किताब कैलकुलेटर की जगह दिमाग पर जोर देकर करें। 

तीसरी बात अगर कुछ बुरे विचार ज्यादा ही परेशान कर रहे हैं, तो उन्हें कागज पर लिख डालिए। फिर उन्हें ऐसे देखिये कि यह किसी और की समस्या है, जिसका हल आपको तलाशना है। दो-चार बार लिखकर देखिये, नतीजे आपको चौंका देंगे। 

चौथा खुद से बात करें, और अपने प्रति सहानुभूति रखें। जितनी बार आप खुद से बात करेंगे, चीजें दिमाग में उतनी साफ होतीं जाएंगी। और अंतिम बात हममें से ज्यादातर लोग या तो अतीत की यादों में जीते हैं, या भविष्य की चिंताओं में। जिनसे बुरे विचार और आशंकाएं मन में पैदा होती हैं, अतीत बीत गया और भविष्य अभी आया नहीं है, ऐसे में उनकी चिंता करने की जगह हमें वर्तमान पर फोकस करना चाहिये। अगर वर्तमान अच्छा बनेगा, तो भविष्य अपने आप अच्छा होगा। फिर सारी चीजों की चिंता आप करेंगे, तो भगवान क्या करेगा, कुछ उसके लिए भी छोड़ें वर्तमान में जीवन का आंनद लें, बुरे विचार खुद दूर हो जाएंगे। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं।

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