शहीद कोरोना योद्धा कर्मचारियों के 4.5 करोड रुपए खा गई शिवराज सरकार - MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार उन कर्मचारियों के बीमे की रकम खा गई जो सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए आम नागरिकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाते हुए खुद संक्रमित हो गए और उनकी मृत्यु हुई। पत्रकार श्री हरिचरण यादव की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे कर्मचारियों की संख्या मात्र 10 है, जिसमें से एक को ₹5000000 मदद दी जा चुकी है लेकिन शेष 9 कर्मचारियों का पैसा रोक लिया गया। अजीब बात यह है कि उपचुनाव की दहलीज पर खड़े स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि इस मामले की जांच कराएंगे यानी सरकार को सब पता है लेकिन तत्काल मदद करने का इरादा नहीं है।

ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सेवाएं देने वाले अधिकारी, कर्मचारियों की संक्रमण से व ड्यूटी करते हुए मौत पर उनके परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपये की बीमा राशि देने का प्रविधान है। मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना के तहत यह लाभ दिया जाता है। बीमा राशि नहीं मिलने से मृतक संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के परिजन आर्थिक रूप से परेशान हैं। इनमें मंदसौर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी स्व. हेमलता वर्मा के परिजनों को ही अब तक बीमा के 50 लाख रुपये मिले हैं।

ये स्वास्थ्यकर्मी गंवा चुके हैं जान
स्लाइन मसीह,अनूपपुर
राजेश अग्रवाल, अशोकनगर
इंद्रमोहन सिंह, छिंदवाड़ा
अरुण भलावी, सिवनी
अभिनेष द्विवेदी (खुरई), सागर
पूनम कांवरे, रीवा
आशा कोरी, कटनी
भीष्म दुबे, सागर
कृष्णा कुमार कटारे, मुरैना
हेमलता वर्मा, मंदसौर

कलेक्टर ने प्रशंसा पत्र दिया था, सरकार ने बीमा की राशि नहीं दी

कोरोना काल में भैया 20 घंटे तक लगातार ड्यूटी करते थे। 27 अगस्त की रात उनकी तबीयत बिगड़ी और रात 2 बजे के करीब मौत हो गई। उन्हें कलेक्टर ने अच्छा काम करने के लिए प्रशंसा पत्र भी दिया था। उनकी एक बेटी, एक बेटा है। साथ में बीमार पिता भी रहते हैं। परिवार को अब बीमा की राशि नहीं मिली है।
( जितेंद्र दुबे, स्व. भीष्म दुबे के छोटे भाई)

मात्र 9 कर्मचारियों की मौत का मामला और स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि जांच कराएंगे 

यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। मात्र 9 कर्मचारियों की मृत्यु का मामला है। सारा रिकॉर्ड कलेक्टरों के पास उपलब्ध है। फाइल तैयार है। सरकार को केवल अपनी घोषणा के अनुसार 5000000 रुपए की रकम मृत कर्मचारी के परिजनों को ट्रांसफर करनी है लेकिन मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि मृतक संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के परिजनों को बीमा राशि क्यों नहीं मिली इसकी जांच कराएंगे। पात्रता अनुसार जल्द लाभ दिलाया जाएगा। कुल मिलाकर स्वास्थ्य मंत्री ने मामले को एक लंबी प्रक्रिया में उलझा दिया। नोटशीट बनेगी, जांच के आदेश होंगे, जांच के बिंदु तय किए जाएंगे, जांच अधिकारी तय किए गए बिंदुओं की छानबीन करेगा और इस सब में अगला विधानसभा चुनाव आ जाएगा।

09 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !