GWALIOR में GDA अधिकारी की ब्लैक फंगस से मौत - MP NEWS

ग्वालियर।
मध्यप्रदेश में ग्वालियर विकास प्राधिकरण के अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी की फंगस से अपोलो अस्पताल में मौत हो गई। फंगस उनके मस्तिष्क तक पहुंच गया था। मस्तिष्क का आपरेशन संभव नहीं हो सका। अपोलो अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रदीप चतुर्वेदी की हालत में सुधार न होते देख पिछले हफ्ते ही उन्हें हायर सेंटर ले जाने की स्वजनाें को सलाह दी गई थी। हालत दिन प्रतिदिन खराब होती गई और बुधवार की शाम उनकी मौत हो गई।   

ग्वालियर में अब तक फंगस के कारण दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदीप चतुर्वेदी छह मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनका कोरोना का इलाज ग्लोबल हास्पिटल में चला। इसके बाद 20 मई को अपोलो हास्पिटल में भर्ती हुए, जहां पर जांच में फंगस की पुष्टि हुई। उनकी कोरोना की दूसरी रिपोर्ट भी पाजिटिव आ गई थी, तभी से उनका कोरोना के साथ फंगस का भी इलाज चल रहा था। चार दिन वे वेंटिलेटर पर थे। अपोलो अस्पताल में फंगस के अब चार मरीज भर्ती हैं, जबकि जयारोग्य अस्पताल में 57 मरीज फंगस का इलाज ले रहे हैं।

जयारोग्य अस्पताल के फंगस वार्ड में कुल 57 मरीज भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। इनमें एक मरीज कोविड संक्रमित है, बाकी के नान कोविड मरीज भर्ती हैं। जिसमें से 10 मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर हैं और एक वाइपैप पर है। बुधवार को किसी भी मरीज का जेएएच या अपोलो में आपरेशन नहीं हुआ। जेएएच में दो नए मरीज भर्ती किए गए, जबकि दो मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।

प्रदीप चतुर्वेदी की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ रही थी। उनके मस्तिष्क में फंगस पहुंच गया था। डाक्टरों की टीम ने काफी प्रयास किए पर उन्हें बचाने में सफल नहीं हो सके। हालांकि हायर सेंटर ले जाने की स्वजनों को सलाह दी गई थी । स्वजनों ने हायर सेंटर में संपर्क भी किया पर वहां से कोई सकारात्मक जवाब न मिलने पर यहीं पर इलाज चालू रखा गया था।
डा.पुरेन्द्र भसीन, संचालक अपोलो हास्पिटल

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