भारत का एक सम्राट जो महामारी से मरा था, जिसका गुलाम बनने राजाओं में होड़ लगी थी - GK IN HINDI

Bhopal Samachar
भारत के इतिहास में कई चक्रवर्ती सम्राट हुए परंतु यदि हम दूसरे राजाओं को गुलाम बनाने की बात करें तो सिर्फ अकबर का नाम सामने आता है लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का एक सम्राट ऐसा था जिसका गुलाम बनने के लिए राजाओं में होड़ लग गई थी। जिसे भारत का इंद्र, भारत का भाग्य विधाता और पता नहीं क्या-क्या कहा गया। उसके राज्याभिषेक के बाद स्वागत समारोह 10 दिन तक चलता रहा। अकबर के सामने राजाओं ने मजबूरी में घुटने टेके थे परंतु इस सम्राट के सामने राजाओं ने उत्साह पूर्वक प्रदर्शन किया ताकि उन्हें इस सम्राट का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए।

भारत का सम्राट जॉर्ज पंचम, जिसे प्रसन्न करने 10 दिन समारोह चला

ब्रिटिश राजशाही के इतिहास में इस बात को गर्व पूर्वक दर्ज किया गया है। सन 1911 में जॉर्ज पंचम भारत आकर सम्राट की पदवी ग्रहण की। उनके स्वागत के लिए राजाओं के बीच इस तरह की प्रतिस्पर्धा शुरू हुई कि दुनिया भर के इतिहास में दर्ज हो गई। ब्रिटिश राजशाही के इतिहास में लिखा गया है कि ऐसा स्वागत इससे पहले और इसके बाद कभी किसी राजा का नहीं हुआ। ज्यादातर राजा अपने अपने दरबारियों के साथ जॉर्ज पंचम के शाही दरबार में उपस्थित हुए और सम्राट जॉर्ज पंचम को खुश करने के लिए क्या-क्या नहीं किया, किस स्तर तक जाकर चापलूसी की गई आप खुद पढ़िए:-

मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया जॉर्ज पंचम के स्वागत में बनाया गया था। 

भारत के प्रख्यात बद्रीनाथ बद्री नारायण चौधरी ने जॉर्ज पंचम के स्वागत में 'सौभाग्य समागम' लिखा था।
खड़ी बोली में पहला महाकाव्य लिखने वाले अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने “शुभ स्वागत” लिखा।
खड़ी बोली के आरंभिक कवियों में एक श्रीधर पाठक ने “श्री जार्ज वन्दना” तथा नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ ने “महेन्द्र मंगलाष्टक” लिखकर जॉर्ज पंचम और महारानी मेरी का स्वागत किया। (देवताओं के राजा इंद्र का एक नाम महेंद्र भी है) 
जॉर्ज पंचम के चित्र वाले चांदी के सिक्के जारी किए गए।
कहा तो यह भी जाता है कि श्री रविंद्र नाथ टैगोर ने 'जन गण मन' की रचना जॉर्ज पंचम के स्वागत में की थी। टैगोर ने इसमें उन्हें भारत का भाग्य विधाता कहा था।
10 दिन तक राजाओं ने उनके स्वागत में दिल्ली दरबार में क्या-क्या किया, यह अपने आप में इतिहास की पूरी किताब है। 

संक्षिप्त में केवल यह कहा जा सकता है कि जॉर्ज पंचम भारत के इतिहास का एकमात्र ऐसा सम्राट है जिसने किसी राजा को अपने सामने झुकने के लिए मजबूर नहीं किया बल्कि राजाओं ने खुद को उस का सबसे बड़ा गुलाम प्रमाणित करने के लिए वह सब कुछ किया जो स्वाभिमान और मर्यादाओं को तार-तार कर देता है। जॉर्ज पंचम के शासनकाल में ही दुनिया ने पहला विश्व युद्ध देखा। वह 1911 से 1936 तक भारत के सम्राट रहे और इस दौरान उन्होंने सारी दुनिया को बदलते (फासीवाद, नाजीवाद, समाजवाद) देखा। इसी दौरान महामारी का दौर भी आया। जॉर्ज पंचम प्लेग का शिकार हो गए। इसी के कारण उनकी मृत्यु हुई। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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