CORONA महिला के शव से गहने चोरी, CM HELPLINE पर शिकायत करने के बाद महिला मरीज की मौत - INDORE NEWS

NEWS ROOM
इंदौर। महाराजा तुकोजी राव होलकर महिला चिकित्सालय में एक महिला के शव से गहने चोरी कर लिए गए। घर वालों ने जब हंगामा किया और शव लेने से इंकार कर दिया तो अस्पताल प्रबंधन ने आधे घंटे बाद गहने वापस कर दिए। महिला को सांस लेने में तकलीफ थी। उसे सामान्य मरीज की तरह भर्ती किया गया था लेकिन इलाज के समय डॉक्टरों ने कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए जाने वाले इंजेक्शन 'रेमडीसीवर' की डिमांड की। घर वालों ने जब इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन से कर दी तो धमकाकर शिकायत वापस कर आइए और उसके बाद महिला की मौत हो गई।

शाम तक पूरी तरह ठीक थी, सुबह मौत हो चुकी थी

सुखलिया में रहने वाले दीपेश वर्मा ने बताया कि उसकी मां अनीता की इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह एमटीएच अस्पताल में मौत हो गई। तीन दिन पहले मां को सिर्फ सांस लेने में दिक्कत थी लेकिन कोविड के लक्षण नहीं थे। एक जगह जांच कराई तो उन्होंने कहा HTM अस्पताल ले जाओ। वहां पर बगैर किसी जांच के भर्ती कर लिया गया। मां कल दिन तक ठीक थी लेकिन रात को उनकी हालत खराब होने लगी। 

रिकॉर्ड में कोरोना संक्रमित नहीं लेकिन डॉक्टर ने कोरोना क्या इंजेक्शन मांगा

दो दिन पहले एक डॉक्टर ने मां को रेमडीसीवर इंजेक्शन लगने की बात कही, जिसकी कीमत 5 हजार रुपए बताई। दीपेश ने मना किया। बोला कि यह इंजेक्शन फ्री में लगते हैं तो वह पैसे नहीं देगा। 

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद बात बिगड़ गई

दीपेश की बहन ने अस्पताल प्रबंधन और डाक्टरों की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। इसके बाद स्टाफ औऱ डाक्टरों ने उसे धमकाते हुए शिकायत वापस लेने की बात कही। धमकाकर शिकायत वापस करवाई और अगले दिन 12:30 बजे बोले फिर इंजेक्शन चाहिए। परिवार ने फिर एक इंजेक्शन की व्यवस्था कर दी। गुरुवार रात 12:00 बजे मां ने फोन लगाकर कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है। यहां कोई इलाज नहीं हो रहा है। उसे निकलवा लो वरना वह मर जाएगी। तब भी डॉक्टर ने कुछ नहीं कहा। सुबह 6:00 बजे उसे बताया गया कि मां की तबीयत खराब थी और वह मर चुकी है। 

हंगामा किया तो गहने लौटा दिया और एंबुलेंस के पैसे भी नहीं लिए

7:00 बजे दीपेश और उसका परिवार मां का शव लेने HTM पहुंचा तो वहां सामान दे दिया। जिसमें फोन भी था, लेकिन जेवर नहीं थे। इस पर उन्होंने आपत्ति ली तो स्टाफ ने कहा कि पेशेंट तो जेवर लाया ही नहीं था। वैसे भी शव MYH भेज दिया है इसलिए जेवर का पता नहीं। इस पर गुस्साए परिजन बोले हम शव नहीं ले जाएंगे और घर लौट गए। आधा घंटे बाद MTH अस्पताल से फोन आया कि उनके जेवर मिल गए हैं। कोने में पड़े थे। तत्काल उन्हें जेवर दे दिए और साथ ही MYH से मुक्तिधाम तक उनको निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई।

10 अप्रैल को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!