LOCKDOWN के कारण भोपाल में 30,000 कर्मचारी बर्बाद - BHOPAL NEWS

भोपाल।
एक कर्मचारी प्रोविडेंट फंड का पैसा कब निकलता है जब उसके पास सेविंग अकाउंट में कुछ भी ना बचा हो। जब उसके सारे फिक्स डिपाजिट खत्म हो चुके हो। पत्नी के गहने बेचने की नौबत आ रही हो। लॉक डाउन के बाद 1 अप्रैल से लेकर 28 सितंबर तक 97 हजार सरकारी या प्राइवेट कर्मचारियों ने प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसा निकाला है। पिछले साल इसी अवधि में करीब 67000 कर्मचारियों ने पीएफ अकाउंट से पैसा निकाला था। यानी 30,000 कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

लॉकडाउन के दौरान 32,498 कर्मचारियों के पास जीवन यापन के लिए भी पैसा नहीं बचा था

कोरोना संकट को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को आसान प्रक्रिया में अपनी तीन माह के वेतन बराबर राशि बतौर एडवांस निकालने की सुविधा थी। भोपाल में इस 32,498 सदस्यों ने इस सुविधा का उपयोग करते हुए 66.13 करोड़ रुपए निकाले। हालांकि इस सुविधा के अतिरिक्त 64, 657 सदस्यों ने नियमित पीएफ खातों से भी 240 करोड़ रुपए की राशि निकाल लिए। 

अनलॉक के बाद हालात सुधर रहे हैं, लोगों को नौकरियां मिल रही है

कोरोना के बाद वेतन घटने, नाैकरी जाने से परेशान लोगों को 3 माह का वेतन निकालने की सुविधा दी गई थी। प्रारंभिक माह में कोविड क्लैम लेने वालों की संख्या अधिक थी। पर अब संख्या घट रही है। 4 माह में प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा लोग पेरोल से जुड़े। इसके मायने इतने लोगों को नौकरियां मिली हैं।
एसके सुमन, क्षेत्रीय कमिश्नर, भोपाल क्षेत्र

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