भोपाल। विधानसभा चुनाव 2018 से पहले चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी ने जिस महिला अधिकारी को शिवराज सिंह द्वारा दलितों के प्रति अत्याचार का साक्षात प्रमाण बनाकर मीडिया के सामने पेश किया था, उसी पूर्व आईएएस महिला ने आरोप लगाया है कि टिकट वितरण के समय उनसे उनकी योग्यता और लोकप्रियता नहीं बल्कि जाति पूछी गई।
शशि कर्णावत कौन है, कहानी क्या है
मध्य प्रदेश के सागर जिले की रहने वाली शशि कर्णावत एक मेधावी छात्रा थी। वह आरक्षित जाति से थी परंतु उनके प्राप्तांक किसी आरक्षण का मोहताज नहीं थे। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके शशि कर्णावत राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनी। मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करके आईएएस अवार्ड पाने वाली महिला अधिकारी शशि कर्णावत को शिवराज सिंह सरकार के समय भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया।
शशि कर्णावत के साथ कांग्रेस पार्टी ने क्या किया
विधानसभा चुनाव 2018 से पहले कांग्रेस पार्टी ने श्रीमती कर्णावत को शिवराज सिंह सरकार द्वारा दलितों के प्रति अत्याचार का साक्षात प्रमाण बनाकर पेश किया। उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महामंत्री भी बनाकर यह भी प्रदर्शित किया कि कांग्रेस पार्टी में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को कितना सम्मान दिया जाता है लेकिन उसके बाद शशि कर्णावत जैसी प्रतिभावान महिला कांग्रेस के चुनाव अभियान से गायब हो गई।
शशि कर्णावत ने क्या खुलासा किया है
एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए श्रीमती शशि कर्णावत ने कहा कि ' प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बेटी को पढ़ाओ बेटी को बढ़ाओ, मेरे पिता ने मुझे पढ़ाया और आगे बढ़ाया लेकिन भाजपा के नेताओं ने तुम मुझे दलित की बेटी बोलकर समानता और सम्मान नहीं दिया। कांग्रेस पार्टी ने मुझे महामंत्री तो बनाया है लेकिन यह कांग्रेस का सच है कि चुनाव के समय मुझसे मेरी जाति पूछी गई। अब मैं कांग्रेस को बताऊंगी कि मेरी जाति क्या है।