नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब से आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया है तब से भारत सरकार के सभी विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी कुछ ऐसे सॉफ्ट स्किल कोर्स को मान्यता देने जा रहा है, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मेन पावर जनरेट होगी।
कॉलेजों में अब तक सिर्फ वर्ल्ड क्लास और नेशनल लेवल की डिमांड के हिसाब से मेन पावर तैयार करने के लिए कोर्स संचालित किए जा रहे थे परंतु अब छोटे-छोटे इंडिपेंडेंट बिजनेस मॉडल के लिए भी मेन पावर तैयार करने वाले डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। UGC ने इसको लेकर काम शुरू कर दिया है। वह जल्द ही संस्थानों को ऐसे कोर्स शुरू करने की अनुमति देने की तैयारी में है।
नई शिक्षा नीति के बाद UGC ने दिखाई रुचि
यूजीसी ने यह सक्रियता नई शिक्षा नीति आने के बाद दिखाई है, जिसमें स्थानीय रोजगार व कामकाज को बढ़ावा देने और उसके लिहाज से प्रशिक्षित मैनपावर तैयार करने पर जोर दिया गया है। साथ ही विश्वविद्यालयों को आगे आने को कहा गया है। इसे लेकर सीमित अवधि के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।
हालांकि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को उन क्षेत्रों की पहचान खुद ही करना होगा और इसे आगे भी बढ़ाना होगा। नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि देश में अभी भी ढेरों ऐसे कारोबार और कामकाज पुराने ढर्रे पर ही चल रहे हैं, जिन्हें तकनीकी लिहाज से मजबूती देने की जरूरत है। प्रशिक्षित मैनपावर की उपलब्धता न होने से इस दिशा में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।
नैक में बेहतर रैंकिंग रखने वाले संस्थान शुरू कर सकेंगे
सूत्रों के मुताबिक यूजीसी की अनुमति मिलने के बाद विश्वविद्यालय इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकेंगे। इसको लेकर उनको पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी। वैसे भी पीएम मोदी ने स्थानीय चीजों को बढ़ावा देने के लिए वोकल फार लोकल का नारा दिया है। इस पूरी मुहिम को उससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। विश्वविद्यालयों को अब तक कोई भी नया कोर्स शुरू करने के लिए यूजीसी से अनुमति लेनी होती है, हालांकि नैक की रैकिंग में बेहतर स्थान रखने वाले स्वायत्त संस्थानों के लिए ऐसी अनुमति की जरूरत नहीं है। साफ्ट स्किल से जुड़े कोर्सो को शुरू करने के विवि को भी अनुमति की कोई जरूरत नहीं पडे़गी। खासबात यह है कि नई शिक्षा नीति और सरकार का जिस तरह से ज्यादा से ज्यादा लोगों को हुनरमंद बनाने पर जोर है, उसे देखते हुए ये कोर्स उसके लक्ष्य को आसान बना सकते हैं। नीति में वर्ष 2025 तक पचास फीसद लोगों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ा जाना है।
भारत में नए साफ्ट स्किल कोर्स कौन-कौन से हो सकते है
बता दें कि सरकार स्थानीय रोजगार व कामकाज को बढ़ावा देना चाहती है। उसके लिए प्रशिक्षित मैनपावर तैयार करने पर जोर दिया गया है। बढ़ई, काष्ठकला, बुनकर यानी कपड़े की बुनाई से जुड़े कोर्स, राजमिस्त्री, मिट्टी, कांच से जुड़ी कारीगरी के कोर्स के अतिरिक्त अलग-अलग राज्यों में स्थानीय छोटे-छोटे कामधंधों के कौशल से जुड़े अनेक कोर्स शुरू किए जा सकते हैं।