Lichen: बताइए यह क्या है, धरती का कोढ़ या भगवान का वरदान / #सरलSCIENCE

चित्र में जो दिखाई दे रहा है, क्या आप जानते हैं यह क्या है। पत्थरों पर हरे-हरे रंग की परत पृथ्वी के किस हिस्से में उग आती है और क्यों। इसकी उपयोगिता क्या है। क्या यह एक प्रकार की बीमारी है या फिर मनुष्य और प्रकृति के लिए अत्यंत उपयोगी। आइए इंसानों के सबसे सच्चे दोस्त से मिलते हैं:-

इसे Lichen या लिचेन या फिर लाइकेन कहते हैं। मनुष्यों के लिए यह भगवान का दिया हुआ एक ऐसा थर्मामीटर है जो बताता है कि पर्यावरण में प्रदूषण है या नहीं। आप जानकर चौक जायेंगे की लाइकेन केवल उसी स्थान पर उगते हैं जहां प्रदूषण नहीं होता। अतः जिस स्थान पर लाइकेन नहीं है वह जगह प्रदूषित मानी जाती है। अतः इन्हें वायु प्रदूषण के संकेतक कहा जाता है। 

यह पहाड़ों, चट्टानों आदि पर उगने वाले प्रथम पौधे हैं। अतः यह मृदा निर्माण (soil formation) की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जरा सोचिए यदि लाइकेन जैसे सच्चे दोस्त मिट्टी का निर्माण नहीं करेंगे तो मनुष्य खेती कहां पर करेगा।

इन्हे pioneer या (प्रथम आकर बसने वाले) पौधे भी कहा जाता है। इस पौधे का होने का मतलब होता है कि पृथ्वी के इस हिस्से पर मनुष्य निवास कर सकते हैं। 

लाइकेन को विज्ञान की भाषा में समझिए

यह एक सहजीवी (symbiotic) संबंध का उदाहरण है जिसमें शैवाल (algae) तथा कवक (fungai) साथ-साथ एक ही शरीर में रहते हैं। शैवाल प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाता है तथा कवक उसे सहारा प्रदान करता है। इस तरह यह एक सहसंबंध का उदाहरण है जिसमें दोनों को ही फायदा होता है। इसी प्रकार के अन्य सहसंबंध भी पाए जाते हैं।

उदाहरण नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले पौधों की जड़ों में कुछ बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो कि वातावरण की मुक्त नाइट्रोजन को फिक्स करके जमीन में स्थिर कर देते है जो कि पौधों के लिए उपलब्ध हो पाती है।

 लाइकेन के उपयोग

* खाद्य पदार्थ के रूप में।
* लाइकेन का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में भी होता है।
* लिटमस पेपर जोकि अम्ल तथा क्षार के परीक्षण में काम आता है वह भी लाइकेन का ही बना होता है।
**कई प्रकार की दवाइयों को बनाने में भी काम आता है।
* कई प्रकार के रंग तथा परफ्यूम बनाने में भी का उपयोग होता है।
लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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