उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी का पद रिक्त होने वाला है। वर्तमान सांसद हेमा मालिनी का सफलतम तीसरा टर्म पूरा होने वाला है और इसी के साथ उनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक हो जाएगी। भारतीय जनता पार्टी को मथुरा सीट से एक दमदार कैंडिडेट की जरूरत है। इधर केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मथुरा सीट पर एक्सरसाइज शुरू कर दी है।
सिंधिया अब राष्ट्रीय नेता बनना चाहते हैं
मध्य प्रदेश की गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब केंद्रीय मंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय नेता बनना चाहते हैं। पिछले कुछ समय की एक्टिविटीज देखने के बाद यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश के नेताओं की रेस से बाहर निकलना चाहते हैं। श्री सिंधिया ने अपनी नई राजनीति की शुरुआत इस बयान के साथ की थी कि "वह कोई महाराज नहीं बल्कि एक सामान्य नागरिक हैं"। लेकिन उनके अंदर से सिंधिया राजवंश और सिंधिया स्टेट कभी अनुपस्थित नहीं मिलता। बल्कि और ज्यादा गहरा होता जा रहा है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा के लोगों को सिंधिया से रिश्ता याद दिलाया
आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सिंधिया की टीम ने लोगों को जोर देकर यह बताया कि, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वज श्रीमंत महादजी सिंधिया ने 1789 में मुगल बादशाह से मथुरा और वृंदावन को मुक्त करवाया था। उन्होंने मथुरा और वृंदावन में गौ हत्या पर रोक लगाई थी। 31 जुलाई 1789 को श्रीमंत महादजी सिंधिया ने मथुरा में जन्माष्टमी मनाई थी। इस दिन उनके साथ इंदौर के राजा तू फौजी होलकर भी उपस्थित थे। इस जानकारी की पुष्टि के लिए यह भी बताया गया कि, प्रो. एन. जी. राठौड़ द्वारा लिखी गई पुस्तक "द ग्रेट मराठा" में यह उल्लेख दिया हुआ है।
क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया मथुरा से चुनाव लड़ेंगे?
यहां इस बात का कोई दावा या संकेत नहीं किया जा रहा है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना लोकसभा क्षेत्र छोड़कर कोई दूसरा नया लोकसभा क्षेत्र तलाश रहे हैं। बल्कि यह रिपोर्ट, इस बात का संकेत करती है कि, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उस पूरे क्षेत्र पर अपना राजनीतिक अधिपति स्थापित करना चाहते हैं, जो क्षेत्र कभी किसी जमाने में सिंधिया के अधीन रहा हो। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति करते हुए 20 वर्ष से अधिक हो गया है लेकिन विचार करने वाली बात है कि, मथुरा के लोगों से सिंधिया के रिश्तों को इस प्रकार पहले कभी नहीं बताया गया। यह सब कुछ इत्तेफाक नहीं है। बल्कि एक रणनीति का हिस्सा है। जैसे इंदौर में तुलसी सिलावट, सागर में गोविंद सिंह राजपूत ठीक उसी प्रकार से मथुरा में सिंधिया समर्थक को भाजपा का टिकट दिलाने की तैयारी चल रही है।
हेमा मालिनी एक सेलिब्रिटी है। मथुरा भाजपा का गढ़ है। हेमा मालिनी को रिप्लेस करने के लिए उनके जैसा सेलिब्रिटी चाहिए। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, इंडियन पॉलिटिक्स के सबसे सेलिब्रिटी सुपरस्टार हैं। हेमा मालिनी को रिप्लेस कर सकते हैं। सन 1789 में सिंधिया ने मथुरा वृंदावन को अपनी राजधानी नहीं बनाया था बल्कि अपने अधीन कर लिया था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 240 साल बाद बिल्कुल वैसा ही करना चाहते हैं। ✒ उपदेश अवस्थी।