मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम के साथ मनाई जाती है। सभी मंदिरों के अलावा लोग अपने घरों में भी भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करते हैं, श्रृंगार करते हैं, और पूजा आरती करने के बाद ही अपने व्रत का पारण करते हैं। इस बार थोड़ा कंफ्यूजन है इसलिए हम आज प्रकाश में आए समस्त विद्वानों के अभिमत के आधार पर निष्कर्ष स्वरूप बताते हैं कि भोपाल में भगवान श्री कृष्ण के जन्म, अभिषेक, श्रृंगार करने और पूजा करने का मुहूर्त क्या है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को क्यों, 17 अगस्त को क्यों नहीं
कुछ लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए रोहिणी नक्षत्र को महत्व देते हैं। जबकि कुछ लोग तिथि को महत्वपूर्ण मानते हैं। अष्टमी तिथि का प्रारंभ दिनांक 15 अगस्त, रात 11:49 बजे से हो गया है और 16 अगस्त, रात 9:34 बजे अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी। इस दौरान रोहिणी नक्षत्र नहीं होगा क्योंकि रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त, सुबह 4:38 बजे उदय हो रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ है। 16-17 अगस्त की मध्य रात्रि में ना तो तिथि रहेगी और ना ही रोहिणी नक्षत्र। इसलिए विद्वानों का अभिमत है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी दिनांक 16 अगस्त को मनाई जाएगी क्योंकि दिनांक 16 अगस्त को अष्टमी तिथि में सूर्य का उदय हुआ है।
भोपाल में भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक, श्रंगार और पूजा का मुहूर्त
भोपाल अक्षांश (Latitude): 23.2599° उत्तर, देशांतर (Longitude): 77.4126° पूर्व में स्थित है। समुद्र तल से भोपाल की ऊंचाई 1729 फीट है। यह मालवा पठार और विदिशा की पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है एवं भारत का केंद्र है। भोपाल में आज सूर्योदय सुबह 5:56 AM हुआ और चंद्रमा का उदय दोपहर 12:48 बजे हो जाएगा। इस गणना के हिसाब से निशिता पूजा के लिए 16-17 अगस्त की मध्य रात्रि 12:04 AM – 12:47 AM सबसे शुभ समय है।