सोयाबीन किसानों के लिए गाइडलाइन जारी - MP NEWS

भोपाल।
उपसंचालक कृषि एवं परियोजना संचालक जिला विदिशा ने बताया कि खरीफ फसलों की बोनी हेतु पर्याप्त वर्षा लगभग 3 से 4 इंच के करीब होनी चाहिए है अतः बोनी के समय कृषकों को निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

सोयाबीन को बोने से पहले अंकुरण परीक्षण कर ले 70 से कम अंकुरण प्रतिशत वाले सोयाबीन को बोने के काम में नहीं ले। जरूरी है, तो बीज दर बढ़ाकर बोये। सोयाबीन बीज में , बाविस्टन, विटावेक्स में से किसी दवाई की मात्रा 2.5 ग्रामध्किलो बीज में ट्रायकोडर्मा विरडी 5 ग्राम/ किलो ग्राम बीज में मिलाकर बीज का उपचार कर बुवाई करें, उपचारिक बीज पर 5 से 10 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से राइजोबियम कल्चर का उपयोग करें। बोनी सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल से करें। उर्वरक और बीज को मिलाकर बुवाई नहीं करें। अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रेज बेज्ड प्लांटर से सोयाबीन की बोनी करें। सोयाबीन में उर्वरक की अनुशंसित मात्रा 20 किलो ग्राम नत्रजन, 80 किलो ग्राम फास्फोरस, 40 किलो ग्राम पोटास एंव 20 किलो ग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें।

अतंरवर्ती फसलों की बोनी करें। जिसमें सोयाबीन की चार लाईन के बाद दो लाईन ज्वार, मक्का या अरहर की लें। खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें , फसलों में पानी भरा नहीं रहने दें। फसल की प्रारंभिक अवस्था में कीट नियंत्रण हेतु फेरामेन ट्रेप, प्रकाश प्रपंच या नीम आईल का उपयोग करें। खरपतवार नाशी एवं कीटनाशी को आपस में नहीं मिलाएं। सेयाबीन की बुआई का उचित समय 25 जून से 7 जुलाई तक होता है, इस अवधि में किसान भाई बुवाई करें।

07 जून को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार


महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !