नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने फेस मास्क के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने आदेशित किया है कि यदि कोई व्यक्ति कार के अंदर अकेला है तब भी उसे फेस मास्क पहनना होगा। हाईकोर्ट ने कार को पब्लिक प्लेस माना है। उल्लंघन करने वाले का पुलिस द्वारा चालान किया जाएगा।
CAR में MASK के लिए चालान को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी
अदालत ने कहा कि मास्क एक ऐसा सुरक्षा कवच है, जो पहनने वाले को तो बचाता ही है बल्कि उसके करीबियों की भी रक्षा करता है। अदालत ने कहा कि वैज्ञानिकों से लेकर दुनियाभर की सरकारों ने मास्क पहनने की सलाह दी है। हाईकोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान निजी वाहन में अकेले ड्राइविंग करते हुए मास्क न पहनने पर चालान काटने को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 फरवरी को कार में अकेले होने पर भी मास्क लगाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में कई लोगों ने चालान किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र, दिल्ली सरकार और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट के पूछे जाने पर केंद्र सरकार ने कहा था कि लोगों का स्वास्थ्य राज्य का विषय है और दिल्ली सरकार को इस पर फैसला लेना है। दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया था कि पर्सनल या ऑफिस की गाड़ी चलाने के दौरान अकेले होते हुए मास्क लगाना अप्रैल 2020 में अनिवार्य किया गया था और ये आदेश अब भी प्रभावी है। क्योंकि कार सड़क पर चलती है और दूसरे वाहनों के आसपास से निकलती है, इसलिए CAR को प्राइवेट प्लेस नहीं माना जा सकता।