ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा: मैं काला कौआ हूं, आइए जानते हैं काला कौवा शुभ होता है या अशुभ - MP NEWS

भोपाल
। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को काला कौवा बताया है। हालांकि उन्होंने अपने आप को वह वाला काला कौवा बताया जो झूठ बोलने वालों को काट लेता है परंतु यदि वन्य प्राणियों की विशेषता के बारे में बात करें तो काले कौए को बहुत उद्दंड, धूर्त तथा चालाक पक्षी माना जाता है। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के वायरल वीडियो में क्या दिखाई दे रहा है


ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बॉलीवुड फिल्मी गाने की 2 पंक्तियों का उपयोग कर रहे हैं। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया: झूठ बोले 
मंच के सामने मौजूद जनता: कौवा काटे 
ज्योतिरादित्य सिंधिया: झूठ बोले 
मंच के सामने मौजूद जनता: कौवा काटे 
ज्योतिरादित्य सिंधिया: काले कौवे से डरियो, मैं काला कौवा हूं। 

काले कौवे की खास बातें:- शुभ होता है या अशुभ

कौए को बहुत उद्दंड, धूर्त तथा चालाक पक्षी माना जाता है। कौआ एक विस्मयकारक पक्षी है। इनमें इतनी विविधता पाई जाती है कि इस पर एक 'कागशास्त्र' की भी रचना की गई है। 
अपनी जरूरतों को पूरा करने के मामले में यह बड़े ही चतुर होते हैं। बंद नट्स को यह सड़क पर गिरा देते हैं और फिर किसी वाहन की द्वारा उनके कुछ ले जाने का इंतजार करते हैं ताकि वह खुल जाए और यह उसे आसानी से खा सके। 
काले कौवे को यमराज का दूत माना जाता है और किसी भी शुभ काम में काले कौवे का देख जाना अशुभ माना जाता है। 
मान्यता है कि काला कौवा यदि किसी की छत पर मंडराने लगे तो उसके घर में किसी सदस्य की मृत्यु होने वाली होती है।


कौवे काले क्यों होते हैं: एक प्राचीन कथा

कौवे के रंग के बारे में एक पुरानी किवदंती है। एक ऋषि ने कौए को अमृत खोजने भेजा, लेकिन उन्होंने यह इतला भी दी कि सिर्फ अमृत की जानकारी ही लेना है, उसे पीना नहीं है। एक वर्ष के परिश्रम के पश्चात सफेद कौए को अमृत की जानकारी मिली, पीने की लालसा कौआ रोक नहीं पाया एवं अमृत पी लिया। ऋषि को आकर सारी जानकारी दी। इस पर ऋषि आवेश में आ गए और श्राप दिया कि तुमने मेरे वचन को भंग कर अपवित्र चोंच द्वारा पवित्र अमृत को भ्रष्ट किया है। इसलिए प्राणी मात्र में तुम्हें घृणास्पद पक्षी माना जाएगा एवं अशुभ पक्षी की तरह मानव जाति हमेशा तुम्हारी निंदा करेगी, लेकिन तुमने अमृत पान किया है, इसलिए तुम्हारी स्वाभाविक मृत्यु कभी नहीं होगी। कोई बीमारी भी नहीं होगी एवं वृद्धावस्था भी नहीं आएगी। तुम्हारी मृत्यु आकस्मिक रूप से ही होगी। इतना बोलकर ऋषि ने अपने कमंडल के काले पानी में उसे डूबो दिया। काले रंग का बनकर कौआ उड़ गया तभी से कौए काले हो गए। 

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