ग्वालियर। बिल्डर विनोद परिहार, विशवेन्द्र सिकरवार और हितेन्द्र शर्मा के खिलाफ इंदरगंज थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोप है कि व्यापारी नवल शिवहरे की करोड़ों की जमीन हथियाने के लिए फर्जी वसीयत बनाई।
दाल बाजार निवासी नवल शिवहरे पेशे से व्यवसायी है और वर्ष 2002 में उन्होंने जगदीश भौड़ नामक व्यक्ति से विक्की फैक्ट्री पर जमीन खरीदी थी। पिछले साल उन्हें पता चला कि उनकी यह जमीन बिल्डर विनोद परिहार के नाम पर नामांतरण हो गई है। इसका पता चलते ही उन्होंने अपने स्तर पर पड़ताल की तो पता चला कि जमीन का नामांतरण वर्ष 2017-18 में फिर से जगदीश भौड़ के नाम हुआ है और फिर जगदीश भौड़ की फर्जी वसीयत पर जमीन का नामांतरण विनोद परिहार के नाम हुआ है।
इसका पता चलते ही पीडि़त व्यवसायी थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद आरोपी विनोद परिहार, विशवेन्द्र सिकरवार, हितेन्द्र शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने जब मृतक की वसीयत और मृत्यु प्रमाण की जांच की तो पता चला कि जगदीश भौड़ की मौत वर्ष 2014 में हुई है और जो मृत्यु प्रमाण-पत्र दिया है वह वर्ष 2010 का है।
जब इसकी जांच की तो पता चला कि यह मृत्यु प्रमाण पत्र हेमलता नामक महिला का है, जिसे कूटरचना करके तैयार कराया गया है। साथ ही पता चला कि पूर्व में इस वसीयत के आधार पर तहसीलदार ने इसे जगदीश भौड़ की पत्नी व बेटा होने के कारण अस्वीकार कर दिया था।
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