इंदौर। नवजात बच्चों की मानव तस्करी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में जितने भी लोग गिरफ्तार हुए हैं पुलिस को उनका कोई न कोई कनेक्शन करुणानिधि मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम से मिला है। डॉ भरत मौर्य का नाम भी सामने आया है लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल करुणानिधि हॉस्पिटल ही इसमें इंवॉल्व है। दरअसल, पूरे इंदौर में नवजात बच्चों की मानव तस्करी का खेल चल रहा है। ऐसी लड़कियां जो शादी से पहले मां बन जाती हैं, उनकी अनचाही संतान होगा इंदौर के कई नर्सिंग होम में डॉक्टरों द्वारा सौदा किया जाता है।
इंदौर नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त: 2 डॉक्टर गिरफ्तार तीसरा फरार
क्राइम ब्रांच ASP राजेश दंडोतिया के मुताबिक डॉ. रमाकांत पिता स्व. रामाधार शर्मा और डॉ. भरत मौर्य पिता स्व. बद्रीप्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है जबकि डॉ. पवन राय फरार है। भरत का राऊ बायपास के पास शिव पार्वती नर्सिंग होम है।
इंदौर के डॉक्टर अनचाही संतानों का सौदा करते थे
जो बच्चे बेचे गए हैं, वो ऐसे हैं जिन्हें उनकी मां रखना नहीं चाहती थी। इसलिए इन बच्चों को उन्होंने अस्पताल में ही छोड़ना उचित समझा। इसी का फायदा इन डॉक्टरों ने उठाया। उन्होंने बच्चों को बेचने के लिए बबलू के जरिए निःसंतान दंपतियों की तलाश करवाई।
डॉक्टरों से बच्चे खरीदने का काम तेजकरण करता है
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया डॉ रमाकांत शर्मा ने ढाई साल पहले खजराना चौराहे पर तेजकरण को एक बच्चा बेचा था। उस बच्चे को कुछ दिन बाद ही तेजकरण ने रीत ठाकरे को बेच दिया था। वहीं डॉ भरत मौर्य ने दो महीने पहले अपने क्लिनिक में जन्मे बच्चे को तेजकरण को परदेशीपुरा चौराहे पर बेचा था। इस बच्चे को भी तेजकरण ने रीत को बेचा था।
मानव तस्कर गैंग: ट्रॉली धकाने वाला तलाशता था ग्राहक
1. रमाकांत शर्माः BMS है। करुणानिधि अस्पताल में नर्स से छेड़छाड़ करने पर डॉ. हेमंत कंसल ने 7 साल पहले उसे निकाल दिया था।
2. भरत मौर्य : BEMS है। करुणानिधि अस्पताल में था। बाद में उसने तिल्लौर रोड बहेरिया गांव में खुद का पार्वती नर्सिंग होम खोल लिया था।
3. पवन रायः डेंटिस्ट है पर डिलीवरी कराता था। लॉकडाउन में करुणानिधि अस्पताल में 10000 महीने में काम करने लगा था। तेजकरण के पकड़ाने के बाद इंदौर से भाग गया।
4. अमित हाड़ाः करुणानिधि अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट था। डॉ. कंसल की गाड़ी भी चलाता था। नाइट ड्यूटी के कारण वह डॉक्टर पवन राय के संपर्क में आ गया था।
5. बबलू उर्फ तेजकरणः गैंग का सबसे बड़ा किरदार। ऐसे कस्टमर तलाशता जिन्हें बच्चों की जरूरत थी। वह MVH में ट्रॉली धकाने का काम कर चुका है।
महिला रीत ठाकरे के यहां पुलिस को क्या मिला
एएसपी दंडोतिया के अनुसार क्राइम ब्रांच ने शनिवार को बच्चों की खरीदार रीत ठाकरे के घर पर छापा मारा। वहां दोनों बच्चों के हैप्पी बर्थडे वाले पोस्टर लगे थे। इसको देखकर लग रहा है कि वह बच्चों को अपने बेटों की तरह ही पाल रही थी। इसलिए फिलहाल उसे गैंग में शामिल मानना गलत होगा।
इंदौर में बेची गई बच्ची की मां शिवपुरी की रहने वाली है
बुधवार को 10 दिन की जिस बच्ची को आरोपी बेचने गए थे, उसकी मां शिवपुरी के पिछोर में रहने वाली अविवाहिता है। उस बच्ची को बबलू और शिल्पा को फरार डॉ. पवन राय ने दिया था। उसका जन्म करुणानिधि अस्पताल में हुआ था। उसकी मां भारती पति पुष्पेंद्र बताई गई है। क्राइम ब्रांच उसके गांव पहुंची है। पवन ने अस्पताल में बताया था कि भारती का पति ड्राइवर है, इसलिए अभी आधार कार्ड नहीं है। भारती का आधार कार्ड दिखाकर डिलीवरी करवाई गई थी। पुलिस को शंका है कि आरोपियों ने भारती के पति की फर्जी जानकारी देकर करुणानिधि अस्पताल में ही डिलीवरी करवाई।