जबलपुर। श्री राजेश कुमार जैन, माध्यमिक शिक्षक, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जबेरा, जिला दमोह के विरुद्ध राजनैतिक दल के पदाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत कर पत्रकारिता करने का आरोप लगाया था। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए, जिला शिक्षा अधिकारी ने म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-16 अंतर्गत, शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
प्रतिउत्तर में कर्मचारी ने स्पष्टीकरण देते हुए संपूर्ण आरोपों ने निषेध किया। परिणाम स्वरूप, जिला शिक्षा अधिकारी, दमोह ने दिनाँक 27/07/2020 को, श्री जैन को शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, जबेरा से माध्यमिक शाला, उन्हारी खेड़ा, ब्लॉक तेन्दूखेड़ा जिला दमोह में संलग्न कर दिया। आदेश का स्वरूप दंडात्मक था।
राजेश कुमार जैन माध्यमिक शिक्षक द्वारा संलग्नीकरण आदेश दिनाँक 27/07/2020 को हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष चुनौती दी गई। उनके अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय, जबलपुर से बातचीत के दौरान प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 11/09/2020 को, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई दौरान, कोर्ट को बताया गया कि राजनैतिक दल का पदाधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा, नियम 16 CCA रुल्स के तहत नोटिस जारी किए गए थे।
कर्मचारी द्वारा आरोपों का निषेध करने पर, जाँच का प्रावधान है। आचरण नियमों में ट्रांसफर जैसा कोई दंड नही है। इसके अलावा सभी प्रकार के संलग्नीकरण पर बैन है। इसके पश्चात भी, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नियमों की अवहेलना कर, नेता की मिथ्या शिकायत पर, 100 km से अधिक दूरी पर, कर्मचारी को दंड स्वरूप संलग्न कर दिया था।
हाई कोर्ट जबलपुर ने याचिककर्ता के पक्ष से सहमत होकर, जिला कलेक्टर, दमोह को निर्देशित किया है कि वे चार सप्ताह में कर्मचारी को सुनवाई का अवसर देकर, प्रकरण का निराकरण करेंगे। उस अवधि में श्री राजेश कुमार जैन, शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, जबेरा में ही कार्य करेंगे एवं संलग्नीकरण आदेश स्टे रहेगा।