BHIND में महिला तहसीलदार और कलेक्टर के बीच विवाद गहराया - IAS SANJEEV SHRIVASTAVA

मध्यप्रदेश के भिंड जिले में तहसीलदार माला शर्मा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रभारी तहसीलदार माला शर्मा ने भिंड के कलेक्टर और IAS अधिकारी संजीव श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शर्मा का दावा है कि कलेक्टर और SDM पराग जैन उन्हें पिछले डेढ़ साल से लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। इस विवाद में अवैध कब्जे (illegal encroachment), निजी भूमि (private land), सरकारी पट्टा (government lease), और मानसिक उत्पीड़न (mental torture) जैसे मुद्दे शामिल हैं, जो भिंड जिले के प्रशासनिक तंत्र में तनाव को उजागर करते हैं।

प्रभारी तहसीलदार माला शर्मा के आरोप: प्रताड़ना और दुर्भावना

माला शर्मा ने हाल ही में एक चार मिनट का वीडियो जारी कर अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने कहा, "मुझे शासन के हित में काम करने की सजा मिल रही है। एक महिला अधिकारी होने के बावजूद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और SDM पराग जैन मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं।" शर्मा का आरोप है कि "मौ" में एक जमीन पर अवैध कब्जाधारियों (illegal encroachers) के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण कलेक्टर उनसे नाराज हैं। माला शर्मा का कहना है कि यदि उनका फैसला गलत है तो कलेक्टर अपील में सुनवाई करके सही फैसला कर सकते हैं। माला शर्मा ने दावा किया कि उनकी कार्रवाई के बाद कलेक्टर ने उनका आदेश तो स्वीकार किया, लेकिन इसके बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की बात तक पहुंच गई। शर्मा ने बताया कि उन्हें जानबूझकर अटैच (attachment) किया गया, और हालांकि कोर्ट ने उनका अटैचमेंट रद्द कर दिया, लेकिन कलेक्टर ने उन्हें बिना अधिकार के तहसीलदार बनाकर मौ भेज दिया।

शर्मा ने यह भी कहा, "मैंने कलेक्टर से माफी मांगी और दुर्भावना न रखने की अपील की, लेकिन मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पिछले साल से मेरा इंक्रीमेंट (increment) नहीं हुआ, जबकि अन्य अधिकारियों का हुआ है।" उन्होंने मुख्यमंत्री से सोशल मीडिया के जरिए गुहार लगाई कि उनके साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार (malicious behavior) हो रहा है और उन्हें न्याय (justice) चाहिए। 

पुराने विवाद: मानसिक उत्पीड़न और व्यक्तिगत संकट

यह पहली बार नहीं है जब माला शर्मा ने कलेक्टर और SDM के खिलाफ आवाज उठाई है। नौ महीने पहले, सितंबर 2024 में, शर्मा ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और SDM पराग जैन पर मानसिक उत्पीड़न (mental torture) का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया था कि उनका छह साल का बेटा ग्वालियर में बीमार है, लेकिन उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही। शर्मा ने कहा, "मुझे ग्वालियर जाने के लिए कई सवालों का सामना करना पड़ता है। मेरी अनुमति के लिए कोई जवाब नहीं मिलता।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर और SDM उन्हें अपमानित करते हैं और उनकी बात नहीं सुनते। 

शर्मा ने 18 सितंबर 2024 को मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग (Madhya Pradesh State Women’s Commission) को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज की थी। पत्र में उन्होंने कहा, "कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मुझे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। मुझे चार महीने में 10 से ज्यादा नोटिस (notices) थमाए गए हैं। मुझ पर जमीन खरीदने का झूठा आरोप (false allegations) लगाया जा रहा है।" शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस जमीन की बात हो रही है, उसे किसी अन्य व्यक्ति ने खरीदा है, जिसका नाम उनके पति से मिलता-जुलता है, लेकिन पिता का नाम अलग है। उन्होंने अपने पति का आधार कार्ड (Aadhaar card) भी जमा किया, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

माला शर्मा पर लगे आरोप: कलेक्टर का पक्ष

दूसरी ओर, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने माला शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, शर्मा पर एक कॉलोनाइजर (colonizer) को फायदा पहुंचाने के लिए निजी भूमि मालिक अशोक जैन (Ashok Jain) पर दबाव डालने का आरोप है। अशोक जैन ने शिकायत की थी कि शर्मा ने उनकी निजी भूमि (private land) को सरकारी घोषित (declared government land) कर दिया, जब उन्होंने कॉलोनाइजर को रास्ता देने से मना किया। प्राथमिक जांच में यह शिकायत सही पाई गई। 

इसके अलावा, एक अन्य मामले में शर्मा पर सरकारी पट्टे की जमीन (government leased land) को एक बुजुर्ग महिला के नाम करने और सड़क किनारे के हिस्से को अपने पति के नाम सौदा करने का आरोप है। कलेक्टर ने कहा कि शर्मा द्वारा दी गई आधार कार्ड की कॉपी संदिग्ध (suspicious) है, और मूल आधार कार्ड (original Aadhaar card) मांगा गया है, जो अभी तक नहीं दिया गया। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि शर्मा के खिलाफ लोगों से पैसे लेने (bribery) के आरोप हैं, जिसके चलते उनकी राजस्व भू-अभिलेख की आईडी (revenue record ID) छीनकर देहगांव सर्कल के तहसीलदार उदय जाटव को दी गई है।

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से जुड़े अन्य विवाद

संजीव श्रीवास्तव का नाम भिंड में कई अन्य विवादों (controversies) से भी जुड़ा है। फरवरी 2025 में, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने उनके खिलाफ एक अवमानना केस (contempt case) में सुनवाई की। कोर्ट ने श्रीवास्तव को सख्त हिदायत दी कि IAS अधिकारियों को अपने तौर-तरीके बदलने होंगे और यदि वे किसी आदेश से संतुष्ट नहीं हैं, तो उसे चुनौती देनी चाहिए या लागू करना चाहिए। श्रीवास्तव ने कोर्ट में माफी मांगी, जिसके बाद अवमानना केस समाप्त कर दिया गया। 

इसके अलावा, फरवरी 2024 में, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने श्रीवास्तव पर भिंड को "बर्बाद करने" का आरोप लगाया। सिंह ने कहा कि कलेक्टर की निष्क्रियता के कारण अवैध वसूली (illegal extortion) और ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने यह भी दावा किया कि ईंट भट्टा संचालकों से मिट्टी उठाने के लिए लाखों रुपये की वसूली की जा रही है। 

फरवरी 2025 में, एक ट्रक मालिक ने कलेक्टर को शिकायती पत्र देकर SDM और तहसीलदार पर अवैध वसूली (illegal extortion) का आरोप लगाया। ट्रक मालिक ने दावा किया कि उनके ट्रकों को छोड़ने के लिए चार लाख रुपये लिए गए, और इसकी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल (viral) हो गई। 

अवैध कब्जे का मुद्दा

माला शर्मा और संजीव श्रीवास्तव के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा अवैध कब्जा (illegal encroachment) है। शर्मा का दावा है कि उन्होंने शासन के हित में अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन कलेक्टर ने उनकी कार्रवाई को गलत ठहराया। वहीं, कलेक्टर का कहना है कि शर्मा ने निजी भूमि (private land) को गलत तरीके से सरकारी घोषित किया, जिससे अशोक जैन को नुकसान हुआ। 
स्रोत: दैनिक भास्कर, आज तक, स्वदेश न्यूज, पत्रिका, न्यूज18.

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