इंदौर। मप्र के इंदौर शहर के शासकीय कैंसर अस्पताल में एक साथ 11 डॉक्टर्स और स्टॉफ पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया। तत्काल ओपीडी बंद की गई। अस्पताल के दोनों गेट बंद कर दिए गए। बताया जा रहा है कि रैपिड एंटीजन जांच में कोरोना की पुष्टि हुई। इनमें 9 आरएमओ और एक नर्स है। इतना ही नहीं कोरोना की यह मार उन गरीब मरीजों पर भी पड़ी है जो दूर-दराज से रेडिएशन थैरेपी के लिए यहां आते हैं।
मिली जानकारी अनुसार डॉक्टर्स के संक्रमित होने से कोबाल्ट थैरेपी बंद कर दी गई है। जिससे गरीब मरीजों की मुसीबत हो गई है। यह एकमात्र अस्पताल है, जहां कम शुल्क में मरीजों की रेडियेशन थैरेपी की जा रही है। निजी अस्पतालों में लाखों रुपये का खर्च आता है। कोरोना के कारण सरकारी की यह सेवा आगामी आदेश तक बंद कर दी गई है। उधर, एमवायएच में भी एक कोरोना संक्रमित मरीज जांच के लिए पहुंचा तो अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि कोई कर्मचारी ही सीटी स्कैन करवाने पहुंचा तो पता लगा कि वह कोरोना पॉजिटिव है।
शहर में गुरुवार को कोरोना के अब तक के सर्वाधिक 326 नए मरीज मिले, जबकि 6 मरीजों की मौत हो गई। शहर में संक्रमितों का आंकड़ा 16090 पर पहुंच गया। वहीं, 444 मरीजों की जान जा चुकी है। इतने मरीज 191 क्षेत्रों से आए हैं। इनमें से 13 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पहली बार संक्रमण पहुंचा है।