GWALIOR में छात्र ने छोटी बहन को गले लगाया, फिर आठवीं मंजिल से कूद गया - MP NEWS

ग्वालियर।
 मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में मां ने खाना बनाने में देरी की ताे इकलाैैते बेटे ने अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। यह हृदयविदारक घटना गुरुवार सुबह 12.15 बजे भिंड राेड पर स्थित लेगेसी गैलेक्सी प्लाजा में हुई। गुस्से में खुदकुशी करने वाला यह छात्र इसी साल 12वीं में फेल हुआ था। उसके पिता रियल एस्टेट काराेबारी हैं। खुदकुशी से पहले छात्र ने बहन से झगड़ा किया और फिर उसे मनाने के लिए गले लगाया। इसके बाद वह बालकनी में गया और नीचे कूद गया।

GWALIOR में समय पर खाना नहीं मिला तो आठवीं मंजिल से कूद गया छात्र 

पुलिस के मुताबिक, लेगेसी गैलेक्सी प्लाजा के ए-ब्लॉक में आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट नंबर-5 में रहने वाले हरदीप भसीन पेशे से रियल इस्टेट कारोबारी हैं। उनका एक यूट्यूब चैनल भी है। वह मूल रूप से रुड़की के रहने वाले हैं। उनका बेटा शौर्य (19) कक्षा-12वीं का छात्र था और इस साल फेल हाे गया था। गुरुवार को शौर्य के गले में खराश हो रही थी। उसने पिता को इस बारे में बताया तो उन्हाेंने बिड़ला हॉस्पिटल में दिखाने के लिए कहा। सुबह करीब 11.30 बजे शाैर्य ने मां रश्मि से हॉस्पिटल जाने की बात कहकर खाना मांगा।

मां काे जब खाना देने में देर हुई तो शाैर्य नाराज हो गया। इस दाैरान बहन उन्नति ऑनलाइन क्लास ले रही थी। शौर्य उससे झगड़ा करने लगा। इस पर उसे पिता ने डांटा। इसके बाद वह दूसरे कमरे में चला गया। करीब 12.15 बजे वह वापस आया और बहन को गले लगाने लगा। बहन को कुछ समझ नहीं आया। वह यही सोच रही थी कि झगड़ा करने की वजह से वह उसे गले लगा रहा है। बहन को गले लगाकर शौर्य बालकनी में गया और रेलिंग काे फांदकर नीचे छलांग लगा दी। शाैर्य आठवीं मंजिल से नीचे पहले टीनशेड पर गिरा। उसके वजन से टीनशेड टूट गया और वह नीचे जा गिरा। इससे उसका सिर फट गया और मौके पर ही मौत हो गई।  

शौर्य की मौत से पूरा परिवार उजड़ गया। आसपास रहने वाले लोग भी इस घटना से गमजदा हैं। बहन उन्नति का रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि आखिरी बार उससे गले मिलकर ही शौर्य फ्लैट की बालकनी से कूद गया था। उन्नति से उसका झगड़ा हुआ था, इसके बाद उसने गले लगाकर माफी भी मांगी थी। उन्नति को अंदाजा नहीं था कि भाई हमेशा के लिए उसे छोड़कर चला जाएगा। चंद मिनट बाद ही धड़ाम की आवाज सुनकर उन्नति बालकनी की ओर भागी। झांककर देखा तो नीचे शौर्य लहूलुहान पड़ा था।

ऐसी कोई जरूरत नहीं थी, जो मैंने उसकी पूरी नहीं की। वह 12वीं में इस साल फेल हो गया था, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा। डर था, क्याेंकि आजकल बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। मैंने साेचा-अगले साल पास हो जाएगा। उसे एपल का मोबाइल चाहिए था, मैंने लोन लेकर दिलाया। 80 हजार का लैपटॉप दिलाया, कहता था- यूट्यूब चैनल चलाएगा, फिर भी वह मुझे जीते जी मार गया। ऐसा कदम उठाने से पहले उसने एक बार भी नहीं सोचा। सारे सपने तोड़ गया। अब मैं किसके लिए जीऊंगा। ऊंची कदकाठी और कंप्यूटर का मास्टर था। फिर भी नहीं पता था वह इतना कमजोर निकलेगा। 
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