शिवराज के युवराज बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने निकले / MP NEWS

भोपाल। प्राकृतिक आपदा के समय नेता की सही पहचान होती है। रविवार सुबह से सेना ने मोर्चा संभाल लिया है लेकिन शुक्रवार रात जब बाढ़ का पानी घरों की दहलीज पर था और शनिवार सुबह त्राहिमाम के हालात थे, तब कितने नेता जनता को बचाने के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में निकले। सीएम शिवराज सिंह चौहान ऐसे समय में हमेशा एक्टिव हो जाते हैं। इस बार शिवराज के युवराज यानी कार्तिकेय सिंह चौहान भी एक्टिव हो गए। रविवार सुबह रेस्क्यू टीम के साथ बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने निकले। कार्तिकेय ने बुधनी क्षेत्र के ग्राम रीछवाड़ एवं ग्राम नीलकंठ में रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचकर बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बचाया। 

पॉलिटिकल हाइट के लिए ही सही कुछ तो अच्छा किया 

विरोधी इसे बाढ़ पर्यटन कह सकते हैं परंतु एक आलोचक के नजरिए से देखा जाए तो भले ही पॉलिटिकल हाइट के लिए, मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए ही सही परंतु कुछ तो अच्छा किया। मध्यप्रदेश में 30 से ज्यादा हाई प्रोफाइल नेता पुत्र अपने पिता के उत्तराधिकारी नहीं बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर एक नई सीट पर कब्जा करने के लिए तैयार हैं। इनमें से ज्यादातर के पास शनिवार दोपहर तक बाढ़ की सही सूचना तक नहीं थी। 

मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी घरों में दुबके बैठे रहे 

शुक्रवार रात से लेकर शनिवार दोपहर तक मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे नेता भी घरों में दुबके बैठे रहे जो खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताते हैं। ना केवल बताते हैं बल्कि अपना दावा प्रमाणित करने के लिए मोटी रकम भी खर्च करते हैं। हेलीकॉप्टर तो श्री कमलनाथ के पास भी है परंतु बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए नहीं बल्कि चुनाव प्रचार में जा रहे कांग्रेसी नेताओं को यहां वहां पहुंचाने के लिए।

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