ग्वालियर में सरकारी स्कूलों की रंगाई-पुताई के आदेश / GWALIOR NEWS

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 5 माह से स्कूलों में ताले लटके हैं और बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए शिक्षक घर-घर जा रहे हैं। स्कूल खुलने से पहले उनकी साफ-सफाई कराई जाए और दीवारों पर ज्ञानवर्धक पेटिंग बनाई जाए इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारियां करने में जुटा है। 

शिक्षा विभाग द्वारा आदेशित किया गया है कि सितम्बर से पहले स्कूलों में साफ-सफाई के साथ-साथ उनकी रंगाई-पुताई भी करा ली जाए। विभाग के अफसरों ने उन स्कूलों की सूची बना ली है जिनमें रंगाई-पुताई का काम किया जाना है और ऐसे पांच सैकड़ा से ज्यादा शासकीय स्कूल हैं लेकिन विभाग के अफसरों की परेशानी यह है कि बारिश के इस मौसम में रंगाई-पुताई कराई तो सब पानी में बहजाएगा।

एक सितम्बर से स्कूलों के खुलने की सुगबुगाहट शुरु हो गई है और सरकार भी अब स्कूलों को खोलने की तैयारी करने में जुट गई है। बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी और स्कूलों के ताले खुलते ही बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचेगे। एक सितम्बर को स्कूल खुलें उसके पहले सभी स्कूलों में रंगाई-पुताई कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। 

शिक्षा विभाग का आदेश मिलने के बाद जिला प्रशासन ने भी स्थानीय अधिकारियों को आदेशित किया है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय माध्यमिक प्रायमरी और हायर सेकेण्डरी व हाईस्कूल की रंगाई- पुताई की जाए और दीवारों पर स्लोगन युक्त वॉल पेटिंग बनाई जाए।
विभाग के अफसर रंगाई-पुताई के लिए तैयारी पूरी करके बैठे हैं। अफसरों का कहना है कि बारिश थमने के बाद स्कूलों को संवारने का काम किया जाएगा। अब ऐसे में एक सितम्बर तक बारिश नहीं थमती है तो बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

दीवार, छतों की होगी मरम्मत
शासकीय स्कूलों की हालत दुरुस्त करने के लिए भी अफसरों ने तैयारियां कर ली हैं और उन स्कूलों की छत व दीवारों की मरम्मत करने के लिए सभी प्राचार्यों को आदेशित किया है। बारिश के समय पर कई शासकीय स्कूल ऐसे हैं जहां कक्षाओं में पानी आता है तो दीवारें भी रंगाई-पुताई नहीं होने के कारण खराब हो गई हैं। ऐसे स्कूलों की छतों की मरम्मत और रंगाई-पुताई का काम जिला पंचायत के सहयोग से किया जाएगा।

शौचालय भी होंगे तैयार
अधिकांश शासकीय स्कूलों में शौचालय बने हुए हैं शहर के स्कूलों में तो शौचालय बने हैं और इनका उपयोग भी छात्र-छात्राओं और स्कूल स्टाफ द्वारा उपयोग किया जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शौचालय नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है ऐसे स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कराया जाए और छात्र-छात्राओं के अलग-अलग शौचालय बनें और जिन स्कूलों में शौचालय हैं उनकी साफ-सफाई रखने के लिए भी आदेशित किया गया है।

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