शिक्षकों को पुरानी पेंशन के लिए हाई कोर्ट में याचिका, प्रमुख सचिव को नोटिस जारी / EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर। नेशनल पेंशन स्कीम के स्थान पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1976 के अनुसार पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर एवं एनएमओपीएस के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया द्वारा याचिका दायर की गई थी। जिस पर 11 अगस्त को माननीय जज नंदिता दुबे की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। 

उक्त याचिका पर माननीय कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव वित्त विभाग, आयुक्त आदिवासी विकास विभाग मध्य प्रदेश, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनएसडीएल मुंबई और पीएफआरडीए नई दिल्ली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

याचिकाकर्ताओं के वकील केसी घिल्डियाल ने तर्क रखा कि एनपीएस एक शेयर मार्केट आधारित पेंशन प्लान है जिसमें कोई गारंटीड पेंशन नहीं है और ना ही महंगाई के आधार पर बढ़ाई जाने का कोई प्रावधान किया गया। जबकि दूसरे तरफ कई शिक्षक 2005 के पूर्व से भी शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य करा रहे हैं उन्हें अभी पुरानी पेंशन योजना से बाहर रखा गया है यहां तक की 12-13 वर्ष तक किसी भी योजना के अंतर्गत इनके प्रोविडेंट फंड के लिए कटौती नहीं की गई। 

यहां तक की मध्यप्रदेश में 2005 से एनपीएस लागू हुई है लेकिन अध्यापकों को इसका लाभ 2011 से दिया गया है जिसके चलते शिक्षकों के सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु पर एनपीएस में फंड इतना कम रहता है कि उन्हें जीवन गुजारा योग्य पेंशन नहीं बन रही हैं चूंकि इन शिक्षकों को वेतन और क्रमोन्नति पदोन्नति आदि में पुरानी सेवाओं का लाभ मिल रहा है इसीलिए पुरानी पेंशन योजना के लिए भी इनकी पुरानी सेवा को गणना में लिया जाना चाहिए याचिकाकर्ता के वकील ने उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश का दृष्टांत भी दिया साथ ही यह भी बताया कि अनुदान प्राप्त विद्यालय के शिक्षक जिनकी सेवाएं राज्य शासन में मर्ज की गई है उन्हें भी वरिष्ठता का लाभ देकर के पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया। 

आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को भी वरिष्ठता का लाभ देते हुए पुरानी पेंशन योजना दिए जाने का हवाला दिया गया । याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि यह सभी शिक्षक राज्य शासन के ही कर्मचारी हैं क्योंकि यह शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के समान उत्तर दायित्व का निर्वहन करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं और वेतन भी इन्हें राज्य शासन के मद से दिया जा रहा है। न्यायालय में याचिका स्वीकार किए जाने पर एसोसिएशन के समस्त पदाधिकारियों ने हर्ष व्यक्त किया है।

11 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

नागपुर से निकले बादल मध्य प्रदेश के 18 जिलों में मूसलाधार बरसेंगे, अलर्ट जारी
बिना बैलेंस और नेटवर्क के इमरजेंसी कॉल कैसे कनेक्ट हो जाता है, यहां पढ़िए
Lichen: बताइए यह क्या है, धरती का कोढ़ या भगवान का वरदान
MPTET नव चयनित शिक्षकों ने नियुक्ति के लिए सोशल मीडिया पर सरकार का घेराव किया
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!