नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा आयोजित कराए जा रहे फाइनल टर्म एग्जाम को रद्द करके जनरल प्रमोशन देने की मांग करने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को दिनांक 14 अगस्त 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया है।
UGC ने विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ना कराने के दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार के फैसले का SC में किया विरोध। UGC की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा इस बारे में राज्य निर्णय नहीं ले सकते। नियमों के तहत UGC डिग्री को मान्यता देता है। राज्य नियम नहीं बदल सकते। सालिसिटर जनरल ने राज्यों के हलफनामे का जवाब देने के लिए सुप्रीमकोर्ट से समय मांगा। कोर्ट मामले पर 14 अगस्त को फिर करेगा सुनवाई। यह मामला विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 सितम्बर तक कराने के यूजीसी के निर्देश को चुनौती देने का है। छात्रों की याचिका है।
UGC ने विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ना कराने के दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार के फैसले का SC में किया विरोध। UGC की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा इस बारे में राज्य निर्णय नहीं ले सकते। नियमों के तहत UGC डिग्री को मान्यता देता है। राज्य नियम नहीं बदल सकते। सालिसिटर जनरल ने राज्यों के हलफनामे का जवाब देने के लिए सुप्रीमकोर्ट से समय मांगा। कोर्ट मामले पर 14 अगस्त को फिर करेगा सुनवाई। यह मामला विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 सितम्बर तक कराने के यूजीसी के निर्देश को चुनौती देने का है। छात्रों की याचिका है।
फाइनल टर्म एग्जाम होंगे या नहीं, क्या जनरल प्रमोशन मिलेगा
एक तरफ भारत की कई यूनिवर्सिटी ने परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है एवं एग्जाम की तैयारी अभी शुरू हो गई है। स्टूडेंट्स ने भी माइंडसेट बना लिया है कि परीक्षा तो देनी ही पड़ेगी परंतु एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस बात पर विश्वास करता है कि कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरे के चलते यूनिवर्सिटी परीक्षा रद्द करके जनरल प्रमोशन की जो मांग की गई है वह उचित है और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की जीत होगी।
फाइनल टर्म एग्जाम के मामले में UGC का तर्क क्या है
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कहना है कि फाइनल टर्म के एग्जाम कराना अनिवार्य है। यदि नहीं कराए तो स्टूडेंट्स का भविष्य खराब हो जाएगा। उनकी डिग्री पर एक दाग लग जाएगा। जनरल प्रमोशन प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को करियर में कोई वैल्यू नहीं मिलेगी। यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को इस बात के लिए फ्री कर दिया है कि वह चाहे तो ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम एट होम का आयोजन भी कर सकते हैं।