प्रधानमंत्री के कहने पर लॉकडाउन हो गया लेकिन का वेतन जारी नहीं हो रहा / MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल टेलीविजन पर आकर लॉक डाउन की घोषणा की और भारत के सभी सरकारी विभागों ने बिना सवाल जवाब इसका पालन किया लेकिन अस्थाई कर्मचारियों को लॉक डाउन अवधि का वेतन जारी नहीं किया जा रहा है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इसके लिए लिखित आदेश नहीं है जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उसी नेशनल टेलीविजन पर लॉक डाउन की घोषणा के साथ ही यह भी कहा था कि किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा जाएगा।

आज दिनांक 20 मई 2020 को  जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश अध्यक्ष श्री योगेश इन्दोरिया जी ने अवगत कराया है कि प्रदेश मे संचालित शासकीय /स्वशासी /अनुदान प्राप्त पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों मे लगभग 2000 अतिथि व्याख्याता कार्यरत हैं। जिनका भुगतान 400 Rs प्रति कालखंड अधिकतम 1200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किया जाता है। 

वैश्विक महामारी corona virus (COVID-19) के चलते 16 मार्च से शासन के फैसले से कक्षाएं स्थगित कर दी थीं। तत्पश्चात भारत सरकार ने संपूर्ण देश में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया। केंद्र शासन /प्रशासन ने मध्यप्रदेश के विभिन्न शासकीय /अशासकीय कर्मचारियों को कार्य से न हटाने एवं वेतन देने के आदेश भी दिए थे लेकिन पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों मे मानदेय के लिए प्राचार्यों से बात करने पर उनका कहना है कि हमारे पास तकनीकी शिक्षा विभाग/शासन से ऐसा कोई आदेश नहीं है। जिससे अतिथि व्याख्याताओं का भुगतान किया जा सके। 

इस कारण मध्यप्रदेश के समस्त पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और परिवार का भरण पोषण कर पाना मुश्किल हो गया है। मानदेय से संबंधित आवेदन/ज्ञापन ई-मेल के माध्यम से संबंधित तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं। लेकिन इस सम्बंध में आज दिनाँक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे मध्यप्रदेश के सभी पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं की स्थिति काफी दयनीय है। 

मध्य प्रदेश शासन और तकनीकी शिक्षा विभाग के दोषपूर्ण और उदासीन रवैए के कारण पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के सामने पारिवारिक भरण पोषण का संकट एक तरफ गहराया हुआ है वहीं दूसरी तरफ शासन द्वारा उच्च शिक्षा के अतिथि विद्वानों और स्कूल शिक्षा के अतिथि शिक्षकों को मार्च 2020 और अप्रैल 2020 का मानदेय कर्तव्य अवधि के तहत उपसचिव द्वारा जारी आदेश से किया जा चुका है जबकि पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं को ऑनलाइन क्लास और कालखंड व्यवस्था का हवाला देकर उलझा कर रखा है जिससे लॉक डाउन मानदेय ना देना पड़े। और शोषित जीवनयापन करते रहे।

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