सीएम सर, शिक्षक भर्ती के मुद्दे को गंभीरता से क्यों नहीं लेते / KHULA KHAT

माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माना आज वैश्विक महामारी का दौर चल रहा है, न जाने कब खत्म होगा इससे हम सभी परिचित हैं किन्तु क्या हम भावी शिक्षक बेरोजगार हो के बैठे रहें। मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा हुए 2 साल का समय गुजर चुका है। सभी परीक्षार्थी इसी आशा में है कि शीघ्र नियुक्तियाँ मिल जाएगी। इसके पहले कमलनाथ सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ कर आश जगाई। किन्तु अब ठंडे बस्ते में सारी प्रक्रिया चली गई। जबकी अन्य राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया तीव्र गति से प्रारंभ कर दी गई है किन्तु मप्र में इस संवेदनशील मामले में कोई तीव्रता नहीं देखी जा रही है। 

सभी परीक्षार्थी बची हुई प्रक्रिया सोशल डिस्टेंशिंग में रहकर सत्यापन एवं नियुक्तियों के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा सन 2011 में हुई थी। इसके बाद हर वर्ष में परीक्षा होनी थी किन्तु 9 वर्ष बीत गए किन्तु किसी को नियुक्ति नहीं मिली। कई परीक्षार्थी तो ओवर एज हो गए। लाखों ने बी.एड. डी.एड. कर शिक्षक बनने के सपने सँजोए थे किन्तु लेटलतीफी ने सारे सपने चकनाचूर कर दिए। आए दिन खबरों में पढ़ते रहते है कि कई शालाएं शिक्षक विहीन है तो फिर सरकार इतने संवेदनशील मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लेती? 

सरकारे आती हैं सरकारे जाती हैं किन्तु बेरोजगार पिसता रहता है। क्या सरकार इतना निश्चित नहीं कर सकती कि भर्ती प्रक्रिया की एक निश्चय अवधि हो। भर्ती निकलती है कई वर्षो तक पूर्ण नहीं हो पाती बस पिसता है तो सिर्फ बेरोजगार। माननीय मुख्यमंत्री महोदय, स्कूल आज नहीं तो कल खुलेंगे। आप इस संवेदनशील मुद्दे को संज्ञान में लाकर शीघ्र शिक्षक भर्ती में शेष बची प्रक्रिया को पूर्ण कर जून तक नियुक्तियाँ प्रदान कीजिए। 
सादर धन्यवाद। 
॥ म.प्र.शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण संघ॥

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