बस की सीट पर न्यूजपेपर रखकर बैठने से क्या जी-मिचलाना बंद हो जाता है / GK IN HINDI

यदि आप उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने गए हैं तो आपने अक्सर देखा होगा, पर्यटकों के लिए निर्धारित सार्वजनिक बसों में यात्रियों की सीट पर न्यूज़पेपर रखे होते हैं। कहा जाता है कि बस की सीट पर न्यूज़पेपर रखकर उसके ऊपर बैठने से जी मिचलाना यानी उल्टी आना बंद हो जाता है। कई बार तो यात्री खुद बताते हैं कि ऐसा करने से उन्हें आराम मिला और उनकी यात्रा आनंद पूर्वक संपन्न हुई। सवाल यह है कि क्या इसके पीछे कोई टेक्निकल रीजन है, कोई साइंस है। क्या सीट पर अखबार रखने से कोई विशेष प्रकार की तरंग का शरीर में प्रवेश बंद हो जाता है या फिर यह सिर्फ एक टोटका है।

News Paper नहीं placebo के कारण जी मिचलाना बंद होता है

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से स्नातक स्वाति भस्मे जो टेवा फार्मा में सप्लाय चैन ऑफिसर हैं एवं मुंबई, महाराष्ट्र में रहतीं हैं, बतातीं हैं कि मनोविज्ञान मे एक बहुत दिलचस्प प्रभाव है जिसे प्लेसबो प्रभाव (placebo effect) कहते है। इसे चिकित्सा क्षेत्र में झुठी दवाई (नकली नही पर ऐसी दवा जिससे आपके शरीर पर दुष्परिणाम ना हो जैसे व्हिटामिन किंतु आपको जिस बिमारी को दूर करने के लिये ये दवाई दी जा रही है उससे कोई संबंध नही) दी जाती है पर उन्हे ये दवा संबंधित बिमारी दूर करेंगी ऐसा बताया जाता है। इससे रोगी मे दवाई के बारे मे सकारात्मक विचार होते है और उनका मन ये सोचता है कि वो ठीक हो जायेंगे।

प्लेसबो के अन्य उदाहरण

कई बार यात्रा के दौरान भी ऐसा होता है। लोग बच्चों को दूसरी दवाई देकर बोलते है कि इससे उन्हे बस में उलटिया नही होगी। प्लेसबो के अन्य उदाहरण है जैसे हम सोचते है कि लिफ्ट मे दरवाजा बंद करने के लिये बटन दबाने से लिफ्ट का दरवाजा जल्दी बंद होगा पर सच्चाई मे दरवाजा बंद होने में उतना ही समय लेता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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