उमरिया। मध्य प्रदेश के उमिरिया जिले में एक आदिवासी युवक की मौत के बाद उसके शव को मोटरसाइकिल में रस्सियों से बांधकर गांव ले जाया गया। यह नजारा जिसने भी देखा उसका दिल दहल गया। यह घटना उमरिया जिले के मानपुर की है। मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आदिवासी की मौत के बाद उसके शव को परिजन मोटरसाइकिल में बांधकर ग्रह ग्राम पतौर ले गए।
मानपुर मुख्यालय के ग्राम पतौर निवासी सहजन कोल पिता छोटकनी कोल उम्र 35 वर्ष को अचानक पेट में दर्द हुआ जिसे समुचित इलाज के लिये मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी और अस्पताल परिसर में ही तड़प-तड़प कर आदिवासी की मौत हो गई। असहाय गरीब आदिवासी परिजन एक दूसरे का मुंह देखते रह गए। अंततः शव लेकर उन्हें घर की ओर अकेले निकलना पड़ा।
मिली जानकारी अनुसार मानपुर विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन न होने के कारण आये दिन गरीब असहाय आदिवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जहां साइकल व मोटरसाइकल में लाश लाने ले जाने में आदिवासी मजबूर होते हैं। ऐसा ही जब पतौर निवासी आदिवासी युवक की इलाज के आभाव में मौत हो गई तो मजबूर परिजनों को मोटरसाइकल में शव को रस्सी से बांध कर ले जाना पड़ा।
मृतक जस गांव का रहने वाला था वह गांव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में है। यह गांव मानपुर से लगभग 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। मृतक के शव को मानपुर से पतौर तक मोटरसाइकिल पर उसके साले लेकर गए थे। सहजन कोल जब सुबह बीमार हुआ तो उसे इसी तरह बाइक में ही उसके साले लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। बताया गया है कि मौके पर कोई डॉक्टर नहीं था, लेकिन बाद में एक चिकित्सक ने सहजन कोल को देखा था लेकिन पर्याप्त उपचार नहीं मिल पाया।
वर्जन
इस मामले में सीएमएचओ आरके महरा का कहना है कि मृतक को उपचार दिया गया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। शव को मोटरसाइकिल से क्यों ले जाया गया और क्यों सुविधा नहीं मिल पाई इसके बारे में वे जिम्मेदार बीएमओ से चर्चा करके ही कुछ कह पाएंगे। मानपुर स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ बीके प्रसाद कटनी से अप डाउन करते हैं और वे भी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं थे।