इन दिनों फिटकरी की काफी चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर कुछ मैसेज वायरल हो रहे हैं और कुछ समाचार भी प्रकाशित/ प्रसारित हुए हैं। इसलिए प्रासंगिक है कि फिटकरी के बारे में सब कुछ जान लिया जाए ताकि निर्णय करने में आसानी हो। विज्ञान की भाषा में कहें तो फिटकरी धातु और अधातु से बना एक योगिक है। इसे साधारण रूप से पोटाश एलम या एलम भी कहा जाता है। यह पोटेशियम तथा एल्युमिनियम सल्फेट का द्विक लवण है। जिसमें पोटेशियम अधातु (Nonmetal) है तथा एलुमिनियम धातु (Metal) है।
फिटकरी के फूल क्या होते हैं, कैसे बनते हैं / Brunt Alum
फिटकरी 90 डिग्री सेंटीग्रेड ताप पर पिघल जाता है और यदि इससे आगे 200 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म किया जाए तो इसका क्रिस्टल जल निकल जाता है और यह एक सांद्र (Concentrate or Solid) पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है, जिसे Brunt Alum या फिटकरी के फूल के नाम से जाना जाता है।
रासायनिक रूप से फिटकरी क्या है
रासायनिक रूप से फिटकरी एक क्रिस्टलीय योगिक है। जिसका रासायनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है तथा इसका रासायनिक सूत्र K2 SO4 Al (SO4) 3. 24 H2O है। इसे पोटाश फिटकरी भी कहा जाता है।
फिटकरी के गुण एवं उपयोग
• फिटकरी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक गुण होने के साथ-साथ रक्त का थक्का (Bloodclotting) बनाने का गुण भी पाया जाता है।
• इसी कारण फिटकरी का उपयोग शरीर में चोट लग जाने पर खून का निकलना बंद करने के लिए किया जाता है।
• श्वसन तंत्र की बीमारियों जैसे - खांसी , दमा ,बलगम आदि के उपचार में।
• चमड़ा तथा कागज उद्योग में।
• कपड़ों की रंगाई एवं छपाई में रंग के बंधक के रूप में।
• पेयजल के शोधन में।
.• सौंदर्य प्रसाधनों में antiageing के रूप में।
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