विश्व हिंदू परिषद का नेता नकली रेमडेसिविर का कारोबारी निकला- JABALPUR NEWS

जबलपुर
। परंपरा और संस्कारों के लिए प्राणों का मूल्य चुकाने का दावा करने वाले संगठन विश्व हिंदू परिषद का एक नेता नकली रेमडेसिविर का कारोबारी निकला। क्राइम रिकॉर्ड होने के बावजूद सरबजीत सिंह विश्व हिंदू परिषद का जबलपुर में जिलाध्यक्ष है। गुजरात पुलिस द्वारा पकड़ी गई नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी से नियमित रूप से माल खरीद रहा था। गुजरात पुलिस की कार्रवाई के दौरान जबलपुर के हिंदू नेता का नाम सामने आ गया था। 

सीएम शिवराज सिंह के दखल के बाद देर रात FIR दर्ज हुई 

खुलासा तो पहले ही हो गया था लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद ओमती थाने में रविवार देर रात सरबजीत मोखा, सिटी अस्पताल का दवा संचालक देवेश चौरसिया और भगवर्ती फार्मा के संचालक सपन जैन के खिलाफ धारा 274, 275, 308, 420, 120बी, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। FIR दर्ज होने के लगभग 20 घंटे बाद मोखा ने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंच कर आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले सरबजीत ने खुद को बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती कर लिया था। मोखा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई है।

23 और 28 अप्रैल को दो कार्टून रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाए थे

सरबजीत मोखा ने 23 और 28 अप्रैल को अम्बे ट्रेवल्स के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कॉर्टून मंगवाए थे। सरबजीत के कहे अनुसार देवेस चौरसिया इसे लेने अम्बे ट्रेवल्स के यहां गया था। वहां से इंजेक्शन लाकर उसने सरबजीत मोखा के कक्ष में रख दिए थे। उक्त दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया था। इस संबंध में सिटी अस्पताल में कोई रिकार्ड नहीं रखा गया था। एफआईआर दर्ज होते ही वह फरार हो गया था। 20 घंटे बाद वह चार वकीलों के साथ दो कार से पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचा और वहां सीएसपी ओमती आरडी भारद्वाज के साथ रवाना हो गया। 

01 मई को गुजरात पुलिस ने किया था भंडाफोड

एक मई को गुजरात की मोरबी थाने की पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में गुजरात पुलिस ने 6 मई की देर रात अधारताल पुलिस की मदद से आशानगर निवासी सपन उर्फ सोनू जैन को गिरफ्तार किया था। सपन का सिविक सेंटर में भगवती फार्मा नाम से दवा की बड़ी दुकान है। इसका शहर के कई बड़े अस्पतालों में दवा सप्लाई का काम है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए अस्पताल में भर्ती हो गया था

पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक मई को जब गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का खुलासा हुआ। तब सरबजीत मोखा ने सपन से बात की। पता किया कि क्या यह वही फर्म है, जिससे वह नकली इंजेक्शन ले रहा है। पुष्टि किए जाने के बाद वह माइनर अटैक बता कर हास्पिटल में भर्ती हो गया था। उसकी चाल थी कि अस्पताल में भर्ती होने पर वह गिरफ्तारी से बच जाएगा। 

सरबजीत मोखा कौन है

सरबजीत मोखा पहले रेलवे में कैशियर था। गबन के चलते उसे निकाल दिया गया था। इसके बाद यह प्राॅपर्टी बिल्डिंग का काम करने लगा। 2004 में मोखा ने चौथा पुल के पास एक प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लिया था। इस मामले में उसके खिलाफ गोरखपुर थाने में अपराध क्रमांक 2004/400 धारा 395, 397, 120बी, 25/27 आर्म्स का प्रकरण दर्ज हुआ था। पहले यह कांग्रेस पार्टी से जुड़ा था लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व हिंदू परिषद का नेता बन गया। वर्तमान में सरबजीत विश्व हिंदू परिषद का नर्मदा जिलाध्यक्ष है। 

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