GWALIOR में बैंक कर्मचारी का पॉजिटिव बेटा लापता - MP NEWS

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ग्वालियर।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बैंक कैशियर का बेटा कोविड पॉजिटिव आने के बाद लापता हो गया है। तीन दिन बाद भी उसका पता नहीं है। परेशान पिता सोमवार को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां बेटे का नाम बताया, लेकिन पता लगा कि रजिस्टर में इस नाम का कोई पेशेंट भर्ती नहीं है। 

दोपहर में परिजन शिकायत दर्ज कराने थाने जाने लगे तभी अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल पर बेटा था। उसने सुपर स्पेशियलिटी के पांचवीं मंजिल पर भर्ती होने की बात कही। दो बार बात होने के बाद इस नंबर पर भी कॉल नहीं उठ रहा है। अब घरवाले परेशान हो रहे हैं। शहर के नई सड़क निवासी बैंक कैशियर का 29 वर्षीय बेटा राजा (बदला हुआ नाम) को सिर में दर्द और चक्कर आने की शिकायत हो रही थी। 15 अप्रैल को कोविड टेस्ट कराया। 16 अप्रैल शाम को जब पिता ड्यूटी पर थे। मां पास ही महिला संगीत में शामिल होने गई थीं। पत्नी जौरा मुरैना अपने मायके में थी। शाम को वह कहते हुए निकल गया, उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से कॉल आया था, वह भर्ती करने बुला रहे हैं। वह हॉस्पिटल होने जा रहा है। इसके बाद से उसका पता नहीं है।

परिजन ने सोचा कि वह JAH स्थित सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती हो गया होगा। जब अगले दिन सुबह पिता हॉस्पिटल पहुंचे, तो वहां पता लगा कि इस नाम का कोई पेशेंट किसी भी वार्ड व मंजिल पर भर्ती नहीं है। इसके बाद वह परेशान हो गए। उन्होंने JAH के TB वार्ड व बर्न यूनिट में भी देखा। क्योंकि पेशेंट बढ़ने पर यहां भी संक्रमितों को भर्ती करते हैं, लेकिन वहां भी पता नहीं चला।पेशेंट का मोबाइल भी बंद आ रहा था।

17, 18 व 19 अप्रैल तक परिजन बेटे को तलाश रहे थे। सोमवार दोपहर जब वह कंपू थाने शिकायत करने पहुंचे, तो वहां से जनकगंज थाना में जाने के लिए कहा गया। परिजन जनकगंज थाना जा ही रहे थे कि अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर उनका बेटा ही था। उसने बताया कि वह JAH में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पांचवी मंजिल पर है, जबकि हॉस्पिटल में पांचवी मंजिल है ही नहीं, फिर बताया कि उसने 2 हजार रुपए प्रतिदिन पर रूम JAH हॉस्पिटल में लिया है। तीन दिन बाद वह खुद घर आ जाएगा। वहीं, JAH में भी कोविड पेशेंट को अलग से रूम देने की व्यवस्था नहीं है।

कोविड पेशेंट से उसकी मां की दो बार बात हुई, लेकिन उसके बाद जिस नंबर से कॉल आया, उस पर कॉल रिसीव नहीं हो रहा। यह नंबर कोविड पेशेंट ने हॉस्पिटल के वार्ड बॉय का बताया था। जब उस नंबर को इंटरनेट पर सर्च किया, तो वह किसी विजय पटेल के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस नाम का वार्ड बॉय जेएएच में नहीं है। अब परिजन इंतजार कर रहे हैं कि उससे बात होती है तो ठीक है, नहीं तो गुमशुदगी दर्ज कराएंगे।

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