भोपाल। पिछले 1 साल से हर रोज बैतूल से भोपाल कोरोनावायरस के सैंपल लाने और रिपोर्ट ले जाने वाला अनुबंधित जीप का ड्राइवर चन्द्रभान अहाके (उम्र 42 साल) खुद संक्रमित हो गया। क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी नहीं है इसलिए आपातकाल में सरकार की मदद करने के बावजूद उसे कोई सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है। आम मरीजों की तरह उसे भी हमीदिया अस्पताल में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। उसके फेफड़ों में इंफेक्शन फैलता चला जा रहा है।
बताया जा रहा है कि दिनांक 24 मार्च 2020 से चंद्रभान बिना छुट्टी लिए हर रोज बैतूल से सैंपल लेकर भोपाल आता है और रिपोर्ट लेकर वापस बैतूल जाता है। इस एक साल में उसने करीब 1.40 लाख किलोमीटर जीप चलाई है। इत्तेफाक देखिए, दिनांक 24 मार्च 2021 यानी ठीक 1 साल बाद उसकी कोरोनावायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसे हमीदिया अस्पताल के कोविड-19 वार्ड के बिस्तर नंबर दो पर भर्ती किया गया है।
बताने की जरूरत नहीं की हमीदिया अस्पताल में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की कितनी देखभाल की जाती है। हमीदिया के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण चंद्रभान के फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता जा रहा है। क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी नहीं है इसलिए बिना मक्कारी और लापरवाही के सरकारी काम करने के बावजूद सरकार उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं है। चंद्रभान केवल इतना चाहता है कि उसे हमीदिया से एम्स में ट्रांसफर कर दिया जाए। चंद्रभान को विश्वास है कि एम्स के डॉक्टर, हमीदिया के डॉक्टरों से बेहतर होंगे।