भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमण वाले ग्रुप में गिरावट रुक गई है। पॉजिटिविटी रेट 5% के आस पास आकर टिक गया है। यदि यही हालात रहे तो त्यौहार खतरे में पड़ जाएंगे। माना जा रहा है कि वायरस कमजोर नहीं हुआ बल्कि लोगों ने फेस मास्क का उपयोग करना शुरू कर दिया इसलिए संक्रमण की दर कम हो गई है। चुनावी दवाब के कारण वह मामले भी सामने आ आने बंद हो गए हैं, जिसमें मरीज बयान दे रहे थे कि उनका सैंपल नहीं लिया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 17 OCTOBER 2020
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 17 अक्टूबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
26483 सैंपल की जांच की गई।
308 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
25261 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
1222 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
18 मरीजों की मौत हो गई।
1434 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 159158
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2753
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 142707
17 अक्टूबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 13698
CORONA (COVID-19) UPDATE NEWS TODAY 17 OCTOBER 2020
कोरोना वैक्सीन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि सिस्टम ऐसा होना चाहिए कि भारत के आखरी नागरिक तक वैक्सीन पहुंच जाए।
करोना वैक्सीन की प्रॉयरिटी लिस्ट में चार कैटेगरीज हैं- करीब 50 से 70 लाख हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, दो करोड़ से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 26 करोड़ लोग और ऐसे लोग जो 50 साल से कम उम्र के हैं मगर अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं।
पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप घोष संक्रमित पाए गए। कुछ दिनों पहले उन्होंने वायरस का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि 'CORONA IS GONE"
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि आने वाले ढाई महीने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
समाजवादी पार्टी के नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव का स्वास्थ्य स्थिर बना हुआ है। पिछले 24 घंटे में उसमें कोई सुधार नहीं होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक नई रिपोर्ट के बाद भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना के उपचार के लिए अमल में लाए जाने वाली प्रोटोकॉल की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। WHO का कहना है कि जिन दवाओं को जीवन रक्षक मान रहे हैं, वह कोई असर नहीं कर रही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने माना कि कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉक डाउन करना गलत फैसला था।