इंदौर। लॉकडाउन के दौरान शासन-प्रशासन ने जनता के पैसों को राहत के नाम पर खर्च किया। यह आम आदमी का अधिकार है कि उसे बताया जाए कि उससे टैक्स के रूप में वसूले जा रहे पैसों को राहत के नाम पर कहां-कहां खर्च किया गया है। इस आशय की जनहित याचिका मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में अजय दुबे ने बुधवार को एडवोकेट अंशुमन श्रीवास्तव के माध्यम से दायर की है।
बुधवार को याचिका की पहली सुनवाई होनी थी, लेकिन संबंधित पक्षकारों के वकील उपस्थित नहीं होने से टल गई। अब कोर्ट गुरुवार को इसमें सुनवाई करेगी। एडवोकेट श्रीवास्तव ने बताया कि याचिका में कोरोनाकाल के दौरान शासन-प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों को चुनौती दी गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रशासन ने तंबाखू के अंतरराज्यीय परिवहन की अनुमति दी, जबकि आम आदमी को जरूरी कामों से भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था।
कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती रही और शासन-प्रशासन व्यवस्थाओं को पर्याप्त बताकर अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे। कोरोना से मरने वालों की संख्या की भी अलग-अलग जानकारी दी गई।
19 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार
भारत में सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक परीक्षा होगी
भोपाल में ललितपुर, झांसी के 9 व्यापारी 5 लड़कियों सहित गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के यात्रियों से भरी बस आगरा में हाईजैक
WhatsApp की खास ट्रिक: आपकी मर्जी के बिना कोई आपको ग्रुप में एड नहीं कर पाएगा
दिखावे की शादी ना दहेज-ना रेप: अपराध मानी जाएगी या नहीं, यहां पढ़िए
27% OBC आरक्षण के संदर्भ में ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की सार्वजनिक सूचना
भोपाल में ललितपुर, झांसी के 9 व्यापारी 5 लड़कियों सहित गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के यात्रियों से भरी बस आगरा में हाईजैक
WhatsApp की खास ट्रिक: आपकी मर्जी के बिना कोई आपको ग्रुप में एड नहीं कर पाएगा
दिखावे की शादी ना दहेज-ना रेप: अपराध मानी जाएगी या नहीं, यहां पढ़िए
27% OBC आरक्षण के संदर्भ में ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की सार्वजनिक सूचना