ग्वालियर। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा किए गए टेस्ट में फेल हुई महिला क्रिकेटर अंशुला राव ग्वालियर की रहने वाली है। NADA की टेस्ट रिपोर्ट में अंशुला राव के शरीर में परफॉर्मेंस बढ़ाने वाले ड्रग पाए गए हैं। भारत का यह पहला मामला है जब कोई महिला खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल हुई है।
टीम मध्य प्रदेश की ऑलराउंडर अंशुला राव (Anshula Rao) के सैंपल में परफॉर्मेंस बढ़ाने वाला प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया। डोप टेस्ट के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नाडा (नैशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी) के दायरे में आने के बाद यह पहला मौका है, जब कोई भारतीय क्रिकेटर महिला या पुरुष और सीनियर या जूनियर डोपिंग में फेल हुआ है। बीसीसीआई बीते साल अगस्त में ही नाडा के दायरे में आया था।
अंशुला राव मध्य प्रदेश की सीनियर टीम की सदस्य हैं, जिन्हें प्रतिबंधित तत्व '19-नोरान्ड्रॉस्टेरॉन' के सेवन का दोषी पाया गया। यह ऐसा स्टेरॉइड है, जो एनाबोलिक-एंड्रोजेनिक (AAS) हार्मोन को प्रभावित करता है। दाएं हाथ की इस बल्लेबाज को, जो मीडियम पेस बोलिंग भी करती हैं, नाडा ने सस्पेंड कर दिया है।
उनके यूरिन सैंपल की जांच कतर के दोहा स्थित लैब्रटॉरी में हुई, जहां उनके शरीर में AAS के तत्व मिले। पिछले महीने ही नाडा को यह रिपोर्ट मिली थी। अंशुला चाहें तो वह अपने 'B' सैंपल की जांच के लिए अपील कर सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक अंशुला का सैंपल 14 मार्च को बड़ौदा में लिया गया था। अब नाडा की ऐंटी-डोपिंग अनुशासनिक पैनल (ADDP) निर्णय लेगा के अंशुला पर कितने समय के लिए बैन लगाया जाए। यह पहला मौका है, जब वह डोपिंग में फंसी हैं और उसके लिए उन्हें 2 से 4 महीने के लिए बैन किया जा सकता है।