संपत्ति में यदि वैध और अवैध धन निवेश हुआ है, तब कोर्ट क्या कार्रवाई करेगा- LEARN CrPC SECTION 105-झ

दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 105 में हम आपको अब तक बता चुके हैं कि भ्रष्टाचार, घोटाला, रिश्वतखोरी अथवा किसी अन्य प्रकार का अपराध करके कमाए गए काले धन से अर्जित की गई संपत्ति अवैध मानी जाती है और उसे जप्त कर लिया जाता है। लेकिन यदि कोई संपत्ति ऐसी है जिसमें आरोपित व्यक्ति का वैध और अवैध दोनों तरीकों से कमाया गया धन निवेश किया गया है, ऐसी स्थिति में कोर्ट क्या कार्रवाई करेगा। आइए जानते हैं:-

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 105 झ की परिभाषा:-【समपहरण के बदले में जुर्माना】-

न्यायालय द्वारा जाँच, अन्वेषण, निरीक्षण के बाद कोई संपत्ति जब्त कर ली जाती है, एवं न्यायालय के समक्ष यह प्रमाणित हो जाता है कि पूरी संपत्ति अवैध नहीं है बल्कि वैधानिक तरीके से कमाया गया धन भी इस संपत्ति में निवेश किया गया है तब न्यायालय संपत्ति की जब्ती कुर्की के स्थान पर आरोपी व्यक्ति को जुर्माना अदा करने का आदेश देगा।

यदि आरोपित व्यक्ति न्यायालय द्वारा निर्धारित किए गए जुर्माने की रकम को जमा करा देता है तो न्यायालय समपहरण के आदेश को निरस्त कर देगा एवं समपहरण की गई संपत्ति को प्रभावित व्यक्ति को वापस सौंप दी जाएगी। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
अंग स्पर्श करने या अश्लील फोटो-वीडियो दिखाने वाले को नजरअंदाज ना करें, इस धारा के तहत सबक सिखाएं
मोबाइल पर ऐसे मैसेज आएं तो इस लिंक के साथ पुलिस को बताए, FIR दर्ज कराएं
इंसान को कुत्ता-कमीना कहा तो किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
कठोर कारावास में कैदी से क्या करवाया जाता है 
:- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!