रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है, पढ़िए IPC 444, 446

अक्सर देखा जाता है कि कोई व्यक्ति रात के समय चोरी से किसी भी व्यक्ति के घर में घुस जाते हैं और कुछ अनिमिताए फैलाए या अनुचित कार्य करने लगे तो यह भी एक दण्डिनीय अपराध होगा। हम आपको बता दें कि पिछले लेख में आपको हमने बताया था कि किसी भी व्यक्ति के मकान में जबरदस्ती घुसना भी अपराध है। उसी प्रकार इस धारा का उद्देश्य भी वही है कि रात्रि के समय में किसी भी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती या चोरी- छिपे घुसाना मात्र भी अपराध होता है।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 444 एवं 446 की परिभाषा:-

(1). धारा 444 सरल शब्दों में, अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के घर में बिना उसकी परमिशन के प्रवेश करता है ओर उसके घर में अतिचार या अनिमिताए फैलाएगा तो वह व्यक्ति जो ऐसा कार्य करेगा। इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा।
(2). धारा 446 की परिभाषा सरल शब्दों में, अगर किसी व्यक्ति द्वारा रात्रि के समय में दीवार, खिड़की, या गेट का ताला तोड़कर घर में प्रवेश करता है, तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी पाया जाएगा।
【नोट:- दोनों धारा में व्यक्ति को रात्रि के समय घर में घुसने मात्र से दोषी माना जाएगा एवं उनका उद्देश्य घर में जाकर अनिमिताये फैलाना हो।】

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 444 एवं 446 के अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान:-

उपर्युक्त दोनों धारा के अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान धारा 456 में किया गया है। इस धारा के अपराध संज्ञये एवं अजमानतीय अपराध होते हैं एवं किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा इनकी सुनवाई की जा सकती है।
सजा - दोनो अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- सम्राट बनाम कैलाशचंद्र चक्रवर्ती- आरोपी जो एक अजनबी था,बिना किसी निमंत्रण या अधिकार के आधी रात को एक महिला के शयन-कक्ष में प्रवेश किया।न्यायालय ने विनिशिचत किया कि उक्त परिस्थिति में यह उपधारणा की जा सकती हैं कि आरोपी ने धारा 456 में उपबंधित अपराध के लिए रात्रि में चोरी से आकर गृह अतिचार या अनुचित कार्य किया।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद (पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

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