यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है, पढ़िए IPC की धारा 442

आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर कोई व्यक्ति आपके घर में बिना आपकी मर्जी या परिवार के किसी भी सदस्य की अनुमति के बिना आकर अनियमिता फैलाए या झगड़ा करे तो आप उस व्यक्ति के ऊपर आप आईपीसी की किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज कर सकते हैं।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 442 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति वह स्वयं या दोस्तों के साथ मिल कर निम्न कृत्य करता है वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा:-
1. किसी भी व्यक्ति के घर में जबरदस्ती घुसना और मारपीट करना या अतिचार करना।
2.स्कूल, कॉलेज या शासकीय प्रतीक्षालय में घुसकर उत्पात या अतिचार मचाना।
3. बिना अनुमति के किसी के घर में या मकान के छत पर जाने मात्र से भी अपराध घटित हो जाता है।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 442 के तहत दण्ड का प्रावधान:-

यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं एवं संज्ञये एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
सजा- धारा 442 में घटित अपराध की सजा का प्रावधान आईपीसी की धारा 448 में दिया गया है।एक वर्ष की कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनो से दंडित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- मंगराज बरिक बनाम उडीसा राज्य- स्कूल में परीक्षा चल रही थी, उस समय कुछ व्यक्तियों ने, जिनमे अपीलार्थी भी शामिल थे, स्कूल के मुख्य द्वार पर उपद्रव किया तथा वे शाला परिसर में घुसकर परीक्षा-हाल में पहुंचे ओर परीक्षार्थियों से उत्तर पुस्तिकाए छीनकर उन्हें फाड़ डाली। न्यायालय ने उन्हें धारा 442 के अंतर्गत गृह अतिचार के अपराध में दोषी ठहराया।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद (पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

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