MP OBC आरक्षण की स्थिति साफ, मराठा आरक्षण ही था कमलनाथ के फैसले का आधार

भोपाल
। मध्यप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लागू किए गए 27% पिछड़ा वर्ग आरक्षण की स्थिति साफ हो गई है। कमलनाथ के फैसले का आधार महाराष्ट्र मराठा आरक्षण था और सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया है। 

भारत में जातिगत आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने जातिगत आधार पर आरक्षण की सीमा के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने 1992 के इंदिरा साहनी केस में दिए गए फैसले की समीक्षा करने से भी इनकार कर दिया है। 

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का कानून खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खत्म करते हुए कहा कि यह 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि यह समानता के अधिकार का हनन है। इसके साथ ही अदालत ने 2018 के राज्य सरकार के कानून को भी खारिज कर दिया है। 

मध्यप्रदेश में OBC आरक्षण का कानून भी खारिज हो जाएगा 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा बनाए गए 27% पिछड़ा वर्ग आरक्षण का कानून भी खारिज हो जाएगा। इसी के साथ लोक सेवा आयोग एवं विभिन्न विभागों की भर्तियों के दौरान उत्पन्न हुए ओबीसी आरक्षण विवाद का निराकरण भी हो जाएगा। मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 14% पूर्व के अनुसार बना रहेगा। 

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