जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ श्रीमती मीता सराठे, युवा नर्स कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम में कोरोना से पीड़ित मरीजों की पूरी ईमानदारी से सेवा करते अपना कर्तव्य व दायित्व निभाते हुए कोरोना से सकमित होकर वीरगती को प्राप्त हो गईं। श्रीमती मीता थायराइड और डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित थीं उन्हेंने अपनी बीमारी का उल्लेख करते हुए डीन से कोविड वार्ड में ड्यूटी न लगाने की प्रार्थना की थी फिर भी डीन के द्वारा भाई –भतिजावाद करते हुए उनकी ड्यूटी कोविड मरीजों की देखभाल हेतु लगाई गई।
मेडिकल कॉलेज के डीन कोविड हेतु चिन्ह चिन्ह कर ड्यूटी लगा रहे हैं। जबकि कोविड वार्ड में ड्यूटी रोस्टर के हिसाब से लगाई जानी चाहिए। कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे कोरोना योद्धाओं को क्वॉरेंटाइन के लिए अलग से विश्राम स्थल और भोजन की व्यवस्था भी मेडिकल प्रशासन द्वारा की जाना थी, जो नहीं की जा रही है। कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले कोरोना योद्धा ड्यूटी के बाद अपने घर जाते है जिसके कारण परिवार के अन्य सदस्य भी इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन की हठधर्मिता व तानाशाही के चलते श्रीमती मीना का परिवार पूर तरह से बिखर चुका है उनके पति और सास भी उनके कारण कोरोना से संक्रमित होकर जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे है। ऐसी अव्यवस्थाओं के चलते मेडिकल संस्थान के कोरोना योद्धाओं में रोष व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, योगेन्द्र मिश्रा, गोविन्द बिल्थरे, आर.के.गोलाटी, श्याम नारायण तिवारी, विश्वास शर्मा, मनीष चौबे, राकेश सेंगर, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, बब्लू ठाकुर, मुकेश धनगर, प्रियाशु शुक्ला, नितिन शर्मा, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, वोरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी आदि ने एक मांग पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी, चिकित्सा राज्य मंत्री व मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को ई-मेल के माध्यम से भेजकर मेडिकल डीन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए तत्काल हटाने व पीडित के परिवार को "मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत बीमा धनराशि भुगतान करने व परिवार के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने की मांग की गई है।