शिक्षकों की कोरोना से मौत के बाद अनुग्रह राशि तक नहीं दे रहे अधिकारी - MP EMPLOYEE NEWS

जबलपुर
। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा (Covid-19) कोरोना महामारी में शिक्षक/कर्मचारियों का असमय निधन हो रहा है, जिससे पूरा विभाग सदमे में है। जिले में दर्जनों शिक्षकों की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है। सामान्यतः शासन द्वारा मृत कर्मचारियों के आश्रित परिवार के सदस्य को तत्काल अनुग्रह राशि रू 50,000/-देकर राहत दी जाती है किन्तु जबलपुर में 1 सप्ताह बाद भी परिवार को अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

शिक्षा विभाग, जबलपुर के अन्तर्गत कोरोना महामारी के शिकार हुए विकास खण्ड जबलपुर श्री उपेन्द्र कुमार यादव शिक्षक, मो० एहसान खान शिक्षक, श्रीमती अनीता गिडियन शिक्षक, श्रीमती ए लाकरा प्राथ.शिक्षक, पनागर विकास खण्ड श्री विनोद कुमार जैन सहा. शिक्षक श्री गणेश सारथी, भृत्य, श्रीमती आशालता मसीह सहा.शि0, विकासस खण्ड कुण्डम किशोर ठाकुर, शिक्षक, किशन लाल मरावी, सहा.शिक्षक, सदा शिवराज खोपडे प्राथमिक शिक्षक श्री राजेश मार्को, सहा.शि0 शिक्षक विकास खण्ड सिहोरा श्री जितेन्द्र सिंह ठाकुर प्राथमिक शिक्षक, कु0 प्रियंका खरे प्राथ०शिक्षक, श्री हरप्रसाद ठाकुर भृत्य, श्री अनिलबह पलमेंका, राजू पाण्डे सहा.अध्यापक श्रीमती बबीता गुप्ता सहा.संचालक कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विधि प्रकोष्ठ की मृत्यु के 5 से 7 दिन हो जाने के बाद भी उनके आश्रितों को आज दिनांक तक अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया गया है। 

इस महामारी से एक ओर जहां परिजन अस्पतालों के भारी भरकम बिल तथा मृत्यु उपरांत अंतिम संस्कार आदि में अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर चुके है। शिक्षा विभाग की असंवेदनहीनता के चलते पीडित परिवार दर-दर भटकने मजबूर हो रहा है। 

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, गोविन्द विल्थरे, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, डी.डी.गुप्ता, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, अमित नामदेव, सुधीर खरे, राजेश गुर्जर, बृजेश ठाकुर, नितिन श्रृंगी, जितेन्द्र त्रिपाठी, आकाश तिवारी, अमित शर्मा, पी.एल.गौतम, रवि बांगर, संदीप मस्के, अंकुर प्रताप सिंह, गौरव सेंगर, के.के.तिवारी, मनीष दुपारे, आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि कोरोना काल में मृत शिक्षक/कर्मचारी के परिवार को शीध्र अनुग्रह राशि का भुगतान कराया जावे तथा विलंब के लिए दोषी जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त अनुशानात्मक कार्यवाही की जावे।

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