बड़वानी पुलिस द्वारा गुरुद्वारे के ग्रंथी की मारपीट का मामला तूल पकड़ गया / MP NEWS

भोपाल। लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस को जिस सोशल मीडिया पर देवतुल्य कहा गया था परंतु पिछले कुछ दिनों से उसी सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश पुलिस की निंदा की जा रही है। एक के बाद एक वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें पुलिस दायरे से बाहर निकलकर अत्याचार करती हुई दिखाई दे रही है। ताजा मामला बड़वानी का है जहां गुरुद्वारे के ग्रंथी को इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि उसने बिना लाइसेंस के सड़क पर ताला चाबी की दुकान लगा ली थी। 

मध्यप्रदेश के बड़वानी में गुरुद्वारे के ग्रंथी से मारपीट के मामले का विवरण

पलसूद के वार्ड क्रमांक - 15 में रहने वाला प्रेम सिंह चावला सिकलीगर फलिया स्थित गुरुद्वारे में ग्रंथी है। पुरानी पुलिस चौकी के पास वह ताला-चाबी की दुकान लगाकर जीवन यापन करता है। गुरुवार शाम को पुलिस बिना मास्क के घूमने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर रही थी। जिस समय पुलिस इस क्षेत्र में गश्ती करते हुए पहुंची प्रेम सिंह अपना सामान समेटकर घर की ओर रवाना हो रहा था तभी पुलिस ने उसे रोककर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों ने उसे बताया कि उसे ₹250 का चालन भरना होगा। प्रेम सिंह का कहना था कि उसने दिन भर में ₹200 ही कमाए हैं। इनकार करने पर उसके साथ मारपीट की गई। 

वीडियो में पुलिस पर अत्यचार का आरोप लगा रहा ग्रंथी

सामने आए वीडियो में दिखाई दे रहा है कि प्रेम सिंह को पुलिस घसीटते हुए पुलिस जीप की ओर लेकर जा रही है और वह इसका विरोध कर रहा है। प्रेम सिंह वीडियो में पुलिस पर आरोप अत्याचार किए जाने का भी आरोप लगा रहा है। पुलिस का कहना है कि वह प्रेम सिंह ने कागजात नहीं दिखाए और खुद ही हंगामा करने लगा। उसे पकड़कर जीप में बिठा रहे थे, लेकिन वह छूटकर बाइक छोड़कर मौके से भाग निकला। पूरे मामले की जांच राजपुर एसडीओपी को सौंपी गई है। मामला जब पूरे देश में वायरल हो गया और मध्य प्रदेश सहित पंजाब एवं दिल्ली के नेताओं के बयान सामने आने लगे तो एसपी बड़वानी ने उन दोनों पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया, जो वीडियो में दिखाई दे रहे हैं।

ASI सीताराम भटनागर और HC मोहन जामरे सस्पेंड

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि बड़वानी में सिख भाइयों के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार लिए ASI सीताराम भटनागर और HC मोहन जामरे तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिये गए हैं एवं मामले की जाँच इंदौर आईजी द्वारा कराई जा रही है। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।

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