बीमार महिला शिक्षक से सर्वे कराती रही तहसीलदार, शिक्षिका कोरोना पॉजिटिव निकली / EMPLOYEE NEWS

इंदौर। किल कोरोना अभियान के तहत टीम नंबर 8/538 के साथ काम कर रहीं महिला शिक्षक उमा विश्वकर्मा गंभीर रूप से बीमार है। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महिला शिक्षक ने अपनी टीम लीडर तहसीलदार देखा सचदेवा पर आरोप लगाया है कि 4 दिन से लगातार बुखार होने के बावजूद तहसीलदार ने उन्हें छुट्टी नहीं दी। जब उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई, तब उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। 

महिला शिक्षक को 4 दिन से बुखार था फिर भी तहसीलदार सर्वे करवाती रही

महिला शिक्षक उमा विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें चार दिन पहले तेज बुखार आया। उन्होंने टीम लीडर तहसीलदार रेखा सचदेवा से निवेदन किया कि छुट्टी दी जाए। तहसीलदार ने साफ कह दिया कि छुट्टी देंगे तो सर्वे कौन करेगा? ऐसे में शिक्षिका सर्वे करती रहीं। जब शिक्षिका की हालत नाजुक हो गई तो उनकी बेटी बड़ी ग्वालटोली स्थित सरकारी अस्पताल लेकर पहंची। वहां से उन्हें एमटीएमच अस्पताल रैफर कर दिया। शिक्षिका के रिश्तेदार ने बताया कि उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि वे दो चम्मच पानी भी पी रही थी तो उल्टी हो जाती थी। शनिवार को जब स्थिति बिगड़ी तो उन्हें ऑक्सीजन चढाई गई। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। जांच में उन्हें कोरोना निकल गया।

तहसीलदार मैडम नौकरी से निकालने की धमकी देती हैं: कर्मचारियों का आरोप

सर्वे कार्य से जुड़ी शिक्षिका शोभा वर्मा, कुसुमलता वर्मा, शोभा भटनागर, चंद्रकला कैथवास, रीमा सोनी, रोहिणी तिवारी और अन्य ने एसडीएम को तहसीलदार रेखा सचदेवा के खिलाफ लिखित शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक सचदेवा पर आरोप है कि वे शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करती हैं। इसके चलते वे सभी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं। शिक्षिकाओं ने लिखा है कि वे ईमानदारी से काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें तहसीलदार द्वारा बार-बार धमकी दी जाती है कि तुम्हें नौकरी से हटाकर घर बैठा दिया जाएगा। अतः उन्हें बदला जाए।

तहसीलदार रेखा सचदेवा और डीबी स्टार के पत्रकार के बीच सीधी बात

पत्रकार- सर्वे कार्य में तैनात महिला शिक्षक को बीमार होने के बाद भी आपने अवकाश नहीं दिया। ऐसा क्यों? 
तहसीलदार- शिक्षकों को काम करने में बहुत कष्ट होता है। वे चाहते हैं कि उनसे कोई कुछ कहे नहीं, कुछ पूछे नहीं। जब वे भर्ती हुई तो छुट्टी दी है उन्हें दो-तीन दिन की। 
पत्रकार- लेकिन उमा विश्वकर्मा की तबीयत ज्यादा खराब है। फिर? 
तहसीलदार-उमा को मुक्ति चाहिए तो कलेक्टर से अपनी ड्यूटी रद्द करवाएं। 
पत्रकार- कुछ शिक्षिकाओं को शोकॉज नोटिस दिए हैं। क्यों? 
तहसीलदार- शिक्षकों को काम पर आना नहीं होता है तो नाटक करते हैं। बहाने बनाकर घर पर रहते हैं। इन्हें नोटिस देंगे ही सही। 
पत्रकार- शिक्षकों ने लिखित शिकायत की है कि आप उनके साथ अभद्रता करती हैं। घर बैठाने की धमकी देते हैं। सही है क्या? 
तहसीलदार- बहुत कम काम है सर्वे का, फिर भी इनका रोना-गाना चलता रहता है। दो घंटे भी काम नहीं करना चाहते। ये सब ऐसे ही हैं। शिक्षा विभाग के काम करने का नाटक करते हैं, जबकि डीईओ का कहना है कि वे कोई काम नहीं दे रहे हैं। 
पत्रकार- सर्वे से पहले उन्हें साइन करने बुलाते हैं। ऐसा क्यों? 
तहसीलदार- ये लोग ठीक से सर्वे नहीं करते हैं। किसी एक जगह खड़े होकर लोकेशन दे देते हैं और हो गया बस। बगीचे में बैठकर खाना खाते हुए जानकारी भर देते हैं। सुपरवाइजर ने इन्हें पकड़ा है। 
पत्रकार- आरोप है कि आप उन्हें कहती हैं कि साइन करने आओ और चेहरा दिखाकर जाओ। सच है क्या? 
तहसीलदार- गलत आरोप है। मैं वहां नहीं रहती हूं वहां हमारे पटवारी, सुपरवाइजर और सेक्टर इंचार्ज होते हैं। यदि सही से सर्वे करते हैं तो फिर मरीज क्यों निकल रहे हैं? कुछ शिक्षक घर से ही रामराज्य चला रहे हैं। 

तहसीलदार रेखा सचदेवा की शिकायतें पहले भी हो चुकी है 

म.प्र. लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा देवास नैन के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था जिन्होंने अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी रोहित आर्य से अभद्र व्यवहार किया। सबके सामने है उसे जलील किया। देवास में कुछ अन्य कर्मचारियों ने भी रेखा सचदेवा की शिकायत की थी। 
2018 में इंदौर कलेक्टोरेट में काम करने वाली महिला रीडर सहायक ग्रेड-3 रीना कुशवाह ने अपनी ही उच्च अधिकारी व नायब तहसीलदार मल्हारगंज रेखा सचदेवा के खिलाफ कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत की। 

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