कर्मचारियों को OPS- पुरानी पेंशन के लिए भारत सरकार के नियम / EMPLOYEE NEWS

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह काम की खबर है। विभिन्‍न केंद्रीय विभागों एवं मंत्रालयों में पदस्‍थ कर्मचारी अब चाहें तो न्‍यू पेंशन स्‍कीम New Pension Scheme (NPS) को छोड़कर ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम Old Pension Scheme (OPS) में शामिल हो सकते हैं। इस साल फरवरी में सरकार ने यह स्‍पष्‍ट करते हुए कर्मचारियों से आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए बकायदा 31 मई तक का समय भी दिया गया था। इस दौरान कई मंत्रालयों, विभागों के कर्मचारियों ने आवेदन भेजे लेकिन कई प्रकार के सवाल सरकार के सामने आए। इनमें अलग-अलग प्रकरणों एवं परिस्थितियों का हवाला देते हुए पूछा गया था कि उनके आवेदनों पर विचार होगा या नहीं। अब सरकार ने सभी पर स्‍पष्‍टीकरण दिया है। जानिये किस प्रकार के सवाल सामने आए।

कर्मचारियों ने सवाल पूछे थे कि जिन लोगों ने 1 जनवरी, 2004 के बाद ज्‍वाइनिंग दी लेकिन उनकी भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया इस तिथि से पहले ही संपन्‍न हो चुकी थी। इसके बाद उन्‍होंने नौकरी ज्‍वाइन करते हुए नियमानुसार अन्‍य विभाग में ज्‍वाइनिंग दी। यानी कर्मचारियों ने अपने पहले विभाग की अनुमति से दूसरी ज्‍वाइनिंग दी। ऐसे में क्‍या उनके ओपीएस में शामिल होने के आवेदन को मान्‍य किया जाएगा। इस पर DOPT यानी कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने कहा है कि यदि कर्मचारियों ने शासन के नियमों के अनुसार विभाग बदला है तो ऐसे में उनका आवेदन स्‍वीकृत किया जाएगा।

विभाग इस पर फैसला करेगा कि उनका आवेदन आगे भेजा जाएगा अथवा नहीं, क्‍योंकि यहां यह देखा जाएगा कि आवेदन करते समय सारे मापदंडों का पूरा किया गया है या नहीं। इन मामलों में पुराने विभाग की पेंशन एवं ग्रेच्‍युटी आदि के बारे में क्‍या तय किया जाएगा और संबंधित विभाग की समिति की इस बारे में क्‍या गाइडलाइन है। ऐसा भी सवाल सामने आया कि मृत कर्मचारी के परिजन आवेदन करते हैं तो क्‍या उस पर विचार होगा। इस पर भी विभागीय समिति का फैसला मान्‍य होगा।

इसी प्रकार सहानुभूति या अनुकंपा आधार पर प्राप्‍त नौकरी पर कर्मचारी आवेदन करता है तो उस आवेदन का क्‍या होगा। हालांकि विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में आधारभूत मापदंड ही माने जाएंगे, भले ही कर्मचारी ने 1 जनवरी 2004 के बाद ज्‍वाइनिंग दी हो लेकिन उसके सिलेक्‍शन से संबंधित तमाम कार्यवाही 31 दिसंबर, 2003 से अथवा इससे पहले संपूर्ण हो गई हो। इन मामलों पर स्‍क्रीनिंग अथवा सिलेक्‍शन कमेटी सिफारिश कर सकती है।

इस संबंध में विभागों, मंत्रालयों से कहा गया है कि वे इस प्रकार के प्रकरणों से अवगत कराएं ताकि उनका निराकरण किया जा सके। जिन कर्मचारियों के कागजात पूरे पाए जाएंगे, उनके मामलों को सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) नियम, 1972 के अंतर्गत लाया जाएगा। इसे लेकर आगामी 30 सितंबर, 2020 को केंद्र सरकार अंतिम आदेश जारी करेगी। इसके बाद जो भी कर्मचारी एनपीएस से ओपीएस में शामिल हो जाएंगे, उनका एनपीएस अकाउंट 1 नवंबर, 2020 से हमेशा के लिए निष्क्रिय कर दिया जाएगा।

यह है बेसिक नियम
पुरानी पेंशन योजना का लाभ केवल वे ही कर्मचारी ले सकते हैं जिनकी भर्ती संबंधी प्रक्रिया 1 जनवरी, 2004 से पहले संपूर्ण हो चुकी थी लेकिन वे किन्‍हीं कारणों से ज्‍वाइनिंग नहीं दे सके। इनमें से अधिकांश कर्मचारियों की मांग है कि उन्‍हें पुरानी पेंशन व्‍यवस्‍था में जोड़ा जाए। हालांकि केंद्र सरकार ने भी इनकी मांगों को मानते हुए अब इन्‍हें NPS के दायरे से निकालकर OPS में शामिल होने का मौका दिया है। इस मांग को लेकर कर्मचारी संगठन अक्‍सर आंदोलनरत रहते हैं और सरकार को ज्ञापन देते रहते हैं। कुछ कर्मचारियों ने तो इस मामले में कोर्ट का भी रूख अपनाया था। केंद्र सरकार ने गत फरवरी में यह तय किया था कि कर्मचारीगण पुरानी पेंशन व्यवस्था में शामिल होने के लिए बकायदा आवेदन दे सकते हैं। केंद्रीय कर्मचारियों ने गत 31 मई, 2020 तक अपनी तरफ से आवेदन दे दिया था।
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