भोपाल। भोपाल। ठेकेदारों ने कोरोना फैलने का खतरा बताकर जनहित में शराब की दुकानें नहीं खोलने का ऐलान किया था। हाईकोर्ट में पिटीशन भी दाखिल कर दिया था परंतु अब जनहित को किनारे रखकर सरकार और ठेकेदारों ने आपस में समझौता कर लिया है। अब भले ही कोरोना फैल जाए लेकिन मध्यप्रदेश में भी शराब की दुकानें खोल दी गईं हैं। सरकार ने ठेकेदारों की मांग पर तीन-चार दिन में विचार करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ठेकेदारों ने अनुमति प्राप्त इलाकों में महीना भर से बंद पड़ी अपनी दुकानें खोलने का ऐलान कर दिया। ठेकेदार एक्साइज ड्यूटी में छूट देने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल लॉक डाउन के कारण फिलहाल सिर्फ ग्रीन जोन की दुकानें और ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट एरिया के बाहर की दुकानें खोलने की छूट सरकार ने दी है।
दोनों पक्षों में हुई बातचीत के बाद भोपाल,इंदौर और उज्जैन को छोड़कर बाकी पूरे मध्य प्रदेश के ग्रीन जोन और ऑरेंज जो़न के कंटेनमेंट के बाहर के इलाकों में शराब की दुकानें खोलने पर सहमति बन गयी। सरकार ने लॉक डाउन 3 शुरू होने के बाद 5 मई से दुकानें खोलने की इजाजत दे दी थी लेकिन शराब लॉबी एक्साइज ड्यूटी कम वसूलने की मांग पर अड़ी हुई थी। हालांकि वो हवाला कोरोना संक्रमण का दे रही थी। दोनों पक्षों के बीच सहमति होते ही महीना भर से ज़्यादा समय से बंद शराब की दुकानों के शटर उठने शुरू हो गए।
प्रदेश के ग्रीन जोन वाले 24 जिलों में शराब की दुकान खोलने को लेकर शराब ठेकेदार तैयार हो गए हैं। बीते दो दिनों से सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच बनी तकरार आज बैठक के बाद खत्म हो गई है। आबकारी विभाग के अफसरों के रुख के बाद शराब ठेकेदारों ने तत्काल शराब दुकान खोलने का फैसला लिया है. सरकार ने ठेकेदारों को उनकी मांग पर अगले 3 से चार दिन में फैसले लेने का भरोसा दिलाया है। शराब ठेकेदारों ने सरकार से इस बात की मांग की थी कि जितना माल बेचा जाए उतनी ही ड्यूटी लगाई जाए. साथ बीते 2 महीने में जो नुकसान हुआ है उसके कोटे से उन्हें बंधन मुक्त किया जाए. इन तमाम मांगों पर सरकार और लॉबी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विचार हुआ.सरकार का आश्वासन मिलते ही ठेकेदारों ने अनुमति वाले सभी इलाकों में तत्काल शराब की दुकानें खोलने का ऐलान कर दिया।
ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव और आयुक्त से चर्चा में कहा कि शराब दुकानों से जितनी शराब बिके, सरकार ठेकेदार से उतना ही पैसा ले. इनकी ओर से यह भी सुझाव दिया गया कि वर्ष 2020 -21 में 25 प्रतिशत अधिक बोली लगाई गई है. इसे चालू साल में वापस लिया जाए और वर्ष 2019-20 की लाइसेंस फीस पर शराब बिक्री की अनुमति दी जाए. इसके बाद 2021 -22 में शराब का ठेका 2 साल के लिए दे दिया जाए और उसमें 25 प्रतिशत या जो भी सरकार बढ़ोतरी करना चाहे वह कर सकती है. ठेकेदारों के ओर से यह भी कहा गया कि जो ठेकेदार दुकान चलाने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें ठेका छोड़ने की अनुमति दी जाए। शराब दुकान खोलने पर शराब की खेप ले जाने और कर्मचारियों के आने-जाने के लिए पास बनाने की अनुमति आबकारी विभाग को दी जाए।
सरकारी आश्वासन
बताया जा रहा है कि आर्थिक मुद्दों से जुड़ी मांगों पर अफसरों ने मंत्रालय में चर्चा के बाद ही फैसला लेने की बात कही है. साथ ही आश्वस्त किया है कि ठेकेदारों के हित में उचित फैसला लिया जाएगा.