EPF योगदान विवाद पर कर्मचारियों को छूट मिली लेकिन सरकार ने कंपनियों को बचाया / EMPLOYTEE NEWS

नई दिल्ली। लॉक डाउन के नाम पर भारत सरकार के केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने प्राइवेट कर्मचारियों के EPF योगदान को 12% से घटाकर 10% कर दिया था। जब कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया तो श्रम मंत्रालय ने कर्मचारियों को 10% से अधिक योगदान देने की छूट दे दी परंतु सुनिश्चित किया कि कंपनियों का योगदान 10% ही रहेगा।

कर्मचारी हित के नाम पर सरकार ने कंपनियों को 2% का मुनाफा करवाया 

भारत सरकार के श्रम मंत्रालय में EPF योगदान 12 से घटाकर 10% करते हुए कहा था कि इससे अगले 3 महीनों में कर्मचारी के हाथ में थोड़ा ज्यादा नगद पैसा आएगा परंतु इसका दूसरा पहलू यह था कि कर्मचारी के साथ उसकी एंप्लायर कंपनी का योगदान भी 2% कम हो गया और इस नजरिए से कर्मचारी को 2% का नुकसान हुआ जबकि कंपनी को 2% का फायदा। 

कर्मचारियों को छूट दी लेकिन कंपनियों को फिर से बचाया

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कर्मचारी अगले तीन महीने तक अपने मूल वेतन की नई सीमा 10 प्रतिशत से अधिक भविष्य निधि में योगदान कर सकते हैं। हालांकि, नियोक्ताओं को कर्मचारियों के बराबर उच्च दर से योगदान देने की आवश्यकता नहीं है। मंत्रालय ने एक बयान में कह, ‘EPF SCHEME, 1952 के तहत किसी भी सदस्य के पास वैधानिक दर (10%) से अधिक दर पर योगदान करने का विकल्प होता है, पर कर्मचारी के संबंध में नियोक्ता अपने योगदान को 10% (वैधानिक दर) तक सीमित कर सकता है।’ 

PMGKY लाभार्थी कर्मचारियों के खाते में 24% सरकार जमा करेगी

कम की गई दर पीएमजीकेवाई (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना) लाभार्थियों के लिए भी लागू नहीं है, क्योंकि पूरा कर्मचारी ईपीएफ योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ताओं का ईपीएफ और ईपीएस योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत), मासिक वेतन का कुल 24 प्रतिशत का योगदान का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।

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