MP TET VARG-3 Topic- बाल विकास पर वंशानुगति और वातावरण का प्रभाव

Effect of Heredity and Environment On Child Development

जैसा कि हमने अपने पिछले आर्टिकल के क्वेश्चन नंबर 7 से जाना कि विकास, अधिगम और परिपक्वता का ही परिणाम है . इसी के साथ हमने यह भी जाना कि बाल विकास को आंतरिक और बाहरी दोनों ही कारक प्रभावित करते हैं. आज हम उन्हीं में से दो मुख्य कारक वंशानुगति या अनुवांशिकता ( Heridity or Genetics ) और वातावरण या पर्यावरण ( Environment ) के बारे में जानेंगे.

 वंशानुगति या अनुवांशिकता क्या है / what is Heredity Or Genetics

वंशानुगति या अनुवांशिकता बाल विकास को प्रभावित करने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण आंतरिक कारक है .
जो गुण माता - पिता से उनके बच्चों में आते हैं उन्हें वंशानुगत गुण कहते हैं .साधारण भाषा में कहें तो यह हमारी पैतृक संपत्ति ही है जो हमें हर हाल में मिलेगी , चाहे हम चाहे या ना चाहें. पर इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है ,यह पहले से ही निर्धारित है या कहें कि यह By Default है जिसे हम कभी बदल नहीं सकते.

वातावरण या पर्यावरण क्या है / what is Environment

वंशागति के अलावा जो भी कुछ चाहे वह परिवार, मित्र, स्कूल, समाज ,संस्कृति ,राजनीति ,नैतिकता सभी कुछ पर्यावरण है. या वंशानुगति के अलावा जो भी कुछ भी है, सब पर्यावरण या वातावरण ही है , जो जीवित या अजीवित किसी भी प्रकार का हो सकता है.

तो इस प्रकार कहा जा सकता है कि अनुवांशिकता और वातावरण दोनों परस्पर संबंधित है या कहें कि इन दोनों की अंतः क्रिया के द्वारा ही हमारा व्यक्तित्व या Identity बनती है . वुडवर्थ ( Woodworth) के अनुसार - विकास, अनुवांशिकता और वातावरण का गुणनफल है.
यानी D= H × E
यानी वंशानुगति का प्रभाव वातावरण पर पड़ेगा और वातावरण का प्रभाव वंशानुगति पर पड़ेगा.

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अस्वीकरण: सभी व्याख्यान उम्मीदवारों को सुविधा के लिए सरल शब्दों में सहायता के लिए प्रस्तुत किए गए हैं। किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते एवं अनुशंसा करते हैं कि आधिकारिक अध्ययन सामग्री से मिलान अवश्य करें।

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